तर्क पर भी सवालिया निशान
विभागीय अधिकारी बताते हैं कि लीज बंद होने से पूर्व संबंधित लीज धारी बजरी का स्टॉक कर सकता है और उससे लीज बंद होने की अवधि के दौरान आपूर्ति करता है। अहम सवाल यह है कि क्या लाखों टन का स्टॉक संबंधित क्षेत्रों में मौजूद है, जिसकी एवज में रोजाना हजारों टन बजरी को पहुंचाया जा रहा है।मानसून के बाद लीज क्षेत्र शुरु होने की संभावना
विभागीय अधिकारी बताते हैं कि जिले में 20 से अधिक लीज के लिए ऑक्शन हुए, लेकिन ईसी में मामले अटके। सांफाड़ा नदी प्रवाह क्षेत्र में अंतिम स्तर तक प्रक्रिया पूरी हो चुकी, लेकिन अभी मानसून सीजन सक्रिय होने से मामला अटका। यहां मानसून सीजन के बाद लीजें शुरु हो जाएंगी, जिसके बाद स्थानीय स्तर से बजरी उपलब्ध हो सकेगी।आम आदमी परेशान, प्रोजेक्ट को राहत
खनिज विभाग ही नहीं पुलिस की डीएसटी टीम की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है। पिछले एक माह में टीम की ओर से बड़े स्तर पर कार्रवाई की गई, जिसमें कुछे डंपर पकड़े गए। जबकि दूसरा अहम पक्ष यह भी है कि ज्यादातर बजरी से भरे ट्रेक्टर ही पकड़े गए, जो छोटी जरुरतों, घरेलू निर्माण कार्य में उपयोग के लिए मंगवाए गए। सीधे तौर पर डीएसटी टीम का भी बड़े बजरी माफियाओं पर रहम बरकरार है।हकीकत-विभाग और डीएसटी की भी रेकी
डंपर और लोडर के जरिए भारी मात्रा में अवैध खनन करने वाले गिरोह की रेकी टीम भी सक्रिय है, जो पुलिस-डीएसटी और खनन विभाग की रेकी करती है। खनन माफियाओं की ओर से देर रात और अल सवेरे उस समय डंपर को लोडर से कुछ ही पल में भरने के साथ सरकारी कंस्ट्रक्शन साइट पर भेजा जा रहा है। जब तमाम जिम्मेदार महकमे नदारद होते हैं।इन्होंने कहा
जालोर में फिलहाल बजरी लीज प्रक्रियाधीन है। बजरी लीज नियमानुसार 1 जुलाई से लेकर 31 अगस्त तक मानसून सीजन में बंद रहती है।नरेंद्र खटीक, एमई, जालोर