कठिनाइयों से पार होता है मार्ग
गौरव के क्षणों की अनुभूति करने और सीमा सुरक्षा बल के जवानों का मनोबल बढ़ाने व पर्व की खुशियों में भागीदार बनने के लिए पहुंचने वाली टोलियों के लिए मार्ग इतना सहज भी नहीं है। जिला मुख्यालय से 225 से 250 किलोमीटर की दूरी पर कुछ सीमा चौकियां ऐसी भी होती हैं, जहां दूर.दूर तक केवल रेगिस्तान ही नजर आता है। प्रदेश में बल की 296 सीमा चौकियां हैं। इनमें 122 सीमा चौकियां अकेले जैसलमेर जिले में स्थापित हैं।
नजर आता है उत्साह
रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार जहां हर कोई अपने परिवार के साथ मनाना पसंद करता है, वहीं सीमाजन के कार्यकर्ता विगत वर्षों से इस शुभ अवसर पर देश की सुरक्षा में तैनात जवानों के साथ उत्साहपूर्वक पहुंचते हैं। सीमाजन के प्रदेश सह प्रचार प्रमुख शरद व्यास ने बताया कि रेत के समंदर में आई सीमा चौकियों तक पहुंचकर जवानों को रक्षासूत्र बांधने की परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है। जिला मंत्री भूरसिंह बीदा के अनुसार जिला और तहसील केन्द्रों से जाने वाली रक्षाबंधन टोलियां अपने साथ स्कूलों, कॉलेजों में अध्ययनरत छात्राओं की ओर से जवानों के नाम हस्तलिखित रक्षा बंधन पत्रक और राखियां भी साथ ले जाती हैं। फैक्ट फाइल
- 296 सीमा चौकियों पर रक्षाबंधन पर्व मनाने जाएगी टोलियां
- 50 के करीब बीएसएफ हेड क्वार्टर व बटालियन मुख्यालयों पर भी आयोजन
- 08 हजार से अधिक सुरक्षा प्रहरियों के बांधे जाएंगे रक्षासूत्र
अलग-अलग सीमा क्षेत्र पहुंचेगी टोलियां
रक्षाबंधन पर सीमाजन कल्याण समिति के कार्यकर्ता और संबंधित सीमावर्ती क्षेत्रों के ग्रामीण रक्षासूत्र बांधेंगे। सीमाजन के कार्यकर्ता और जिलों के सीमावर्ती गांवों के लोग, जिनमें बालिकाएं भी शामिल हैं, रक्षाबंधन पर्व पर अलग-अलग सीमा क्षेत्रों में पहुंचेंगे। महिला सुरक्षा प्रहरी भी रक्षा सूत्र बांधकर रक्षाबंधन पर्व मनाती हैं।
- स्वरूप दान, प्रदेश संगठन मंत्री राजस्थान, सीमा जन कल्याण समिति