बनाया पैदल पथ, चौड़ी हुई सडक़
मेले के दौरान यात्री व वाहन भार बढ़ जाने पर इस मार्ग को बंद कर दिया जाता था। करीब 8-9 वर्ष पूर्व पोकरण-रामदेवरा मार्ग के किनारे पदयात्रियों के लिए पैैदल पथ बनाया गया। हालांकि यह पूरी तरह से तैयार नहीं हो पाया, लेकिन मेलावधि के दौरान इसकी सफाई अवश्य करवाई जाती है। इसी तरह दो वर्ष पूर्व पोकरण- रामदेवरा वाया गड़ीसर तालाब मार्ग का विस्तार करते हुए इसका चौड़ीकरण किया गया। ऐसे में पदयात्रियों के साथ वाहनों के निकलने की पर्याप्त व्यवस्था है।
स्थानीय लोग, भंडारा संचालक व दुकानदार हो रहे परेशान
पुलिस की ओर से सडक़ के दोनों छोर पर मिट्टी डालकर एवं बेरियर लगाकर मार्ग बंद कर दिया जाता है। जिससे यहां से मोटरसाइकिल निकलना भी मुश्किल हो जाता है। रामदेवरा रोड के दोनों तरफ आबादी निवास करती है। जिनके आवागमन के लिए केवल यह मार्ग है। इसके साथ ही यहां बड़ी संख्या में दुकानें भी स्थित है। जिन्हें अपने घरों व दुकानों तक पहुंचने में खासी परेशानी होती है। इसी तरह मेले के दौरान यहां कई भामाशाहों व संस्थाओं की ओर से रामरसोड़े एवं भंडारे भी चलाए जाते है, जिन्हें सामान लाने-ले जाने में कई दिक्कतों से रु-ब-रु होना पड़ता है।
श्रद्धालुओं को भी दिक्कतें
देश के कोने-कोने से आने वाले पदयात्रियों के साथ कपड़े, बिस्तर, खाने-पीने का सामान रखने के लिए वाहन भी चलते है। मार्ग बंद होने के कारण पदयात्रियों व वाहनों का रास्ता अलग-अलग हो जाता है और उन्हें रास्ते में पानी, भोजन सहित अन्य जरुरतों के लिए परेशानी का सामना करना पड़ता है।
वन-वे से होगी सहुलियत
क्षेत्रवासियों के अनसार श्रद्धालुओं के साथ स्थानीय लोगों, दुकानदारों, भंडारा संचालकों की परेशानी को देखते हुए यदि प्रशासन की ओर से यहां वन-वे व्यवस्था लागू कर दी जाती है तो सहुलियत मिल सकेगी। वन-वे आवागमन से सभी की परेशानी का हल हो जाएगा और हादसा होने की आशंका भी नहीं रहेगी।