बदल गया रेतीले इलाकों का नजारा
जिले के रेतीले इलाकों की काया पलटी हुई नजर आ रही है। जहां कोई पेड़ पौधा नजर नहीं आ रहा था। वहां पर अब हरियाली देखने को मिल रही है। ऐसे में दुर्गम स्थलों को हरा भरा बनाने का कार्य मोहनगढ स्थित 128वीं पैदल वाहिनी (प्रा.से.) पर्यावरण राजरिफ की ओर से किया जा रहा है। मोहनगढ क्षेत्र में इन दिनों पर्यावरण एवं जल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है। क्षेत्र को प्रादेशिक सेना की ओर से रेगिस्तान को हरा-भरा बनाया जा रहा है। क्षेत्र में बंजर भूमि व रेतीले टीलों पर पौधरोपण कर हरा भरा बनाया जा रहा है। 1997 से लेकर अब तक इस बटालियन ने मोहनगढ़ क्षेत्र के 22189 हैक्टेयर भूमि पर दो करोड छः लाख 31 हजार पौधे लगाए जा चुके है। पौधों के साथ ही सेवण घास, वेटिवर व सीड बॉल भी तैयार कर दुर्गल स्थलों पर डाली जा रही है। बटालियन को राष्ट्रीय स्तर, प्रदेश स्तर व जिला स्तर के पुरस्कार मिल चुके है। गत 22 सितम्बर 2024 को एक घंटे में 5 लाख 19 हजार 130 पौधे लगाकर एक साथ चार विश्व रिकोर्ड स्थापित किए है। 128वीं पैदल वाहिनी (प्रा.से.) पर्यावरण राज रिफ पर्यावरण संरक्षण एवं जल संरक्षण का कार्य कर रही है। इसके अलावा वन्य जीव संरक्षण का कार्य भी कर रही है। बटालियन के कमान अधिकारी कर्नल मोहन सिंह राठौड़ ने बताया कि जैसलमेर जिले में बटालियन की तीन कंपनियां अलग-अलग स्थानों पर क्षेत्र को हरा भरा बनाने का कार्य कर रही है। जिसमें ए कंपनी मोहनगढ़ क्षेत्र में पनोधर राय मंदिर क्षेत्र में कार्य कर रही है। बी कंपनी जैसलमेर मिलिट्री स्टेषन में पौधारोपण कार्य कर रही है। सी कंपनी राष्ट्रीय मरु उद्यान के सम क्षेत्र में पौधा रोपण, सेवण घास रोपण के साथ साथ गोडावण व वन्य जीव संरक्षण का कार्य भी कर रही है। पौधारोपण करने के बाद लगभग चार साल तक ईटीएफ पौधों की देखभाल करती है। उसके बाद संबंधित ग्राम पंचायत को पोधारोपण किए हुए जमीन सुपुर्द कर देते है। पौधों की जीवितता लगभग 82 प्रतिशत से अधिक है।