युद्ध के हालात में बचाव का प्रशिक्षण
नागरिक सुरक्षा यूनिट वर्तमान में अलर्ट पर है। यह टीम शहरवासियों को युद्ध के हालात में स्वयं को कैसे बचाना है, इसका प्रशिक्षण देगी। मंगलवार को स्कूली बच्चों को सायरन बजने पर स्वयं की सुरक्षा कैसे की जानी है, इसके बारे में बताया गया। बुधवार को मॉक ड्रिल के दौरान भी यह बताया जाएगा कि हमला होने की स्थिति में क्या करना है। जानकारी के अनुसार सिटी कंट्रोल से हूटर बजने पर लोगों को अपने घरों-प्रतिष्ठनों की लाइटें, मोबाइल व टार्च आदि बंद करने होंगे। स्ट्रीट लाइट, राजमार्गों पर लगी लाइट्स भी बंद की जाएगी। लोगों को युद्ध की परिस्थितियों में एक दूसरे की मदद के बारे में बताया जाना है। गौरतलब है कि इस तरह की ड्रिल 1971 के युद्ध के बाद पहली बार की जा रही है।
घर-घर में चर्चा का विषय
केंद्र सरकार के निर्देशानुसार देशभर में होने जा रही मॉक ड्रिल को लेकर सीमांत जैसलमेर में मंगलवार को दिनभर लोगों के बीच चर्चाओं का दौर चलता रहा। चौक-चौराहों से लेकर घर-घर और चाय-पान की थडिय़ों व ठेलों आदि पर आपसी चर्चा में लोग इस विषय पर अपने विचार व्यक्त करते नजर आए। उनके बीच पहलगाम आतंकी हमले की प्रतिक्रिया में देश के संभावित कदमों के बारे में भी उनके बीच चर्चाओं के दौर ने जोर पकड़ा हुआ है। घरों में बच्चों तक के बीच मॉक ड्रिल को लेकर कौतूहल व रोमांच का भाव बना हुआ है।