बता दें कि सुमन बाला, जो कि राबाउमावि हादूर, पंचायत समिति सम, जिला जैसलमेर में कार्यरत थीं। उन पर आरोप है कि उन्होंने विद्यालय के प्रवेश द्वार की क्षति को गंभीरता से नहीं लिया। विभागीय जांच में सामने आया कि क्षतिग्रस्त प्रवेश द्वार का मलबा हटाने के बाद भी एक पीलर को खतरनाक स्थिति में वहीं छोड़ दिया गया था। साथ ही विद्यालय में वैकल्पिक द्वार होने के बावजूद छात्रों का आना-जाना उसी टूटे हुए द्वार से होता रहा।
घोर लापरवाही मानते हुए किया निलंबित
घटना के बाद निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, राजस्थान, बीकानेर ने इसे कर्तव्य में घोर लापरवाही मानते हुए सुमन बाला को राजस्थान असैनिक सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 के नियम 13(1) के तहत निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय बीकानेर रहेगा और नियमानुसार निर्वाह भत्ता देय होगा।
ग्राम विकास अधिकारी भी निलंबित
ग्राम विकास अधिकारी रामचंद्र को भी कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरतने के चलते तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उनका मुख्यालय समिति कार्यालय, जैसलमेर निर्धारित किया गया है। उन्हें भी नियमानुसार निर्वाह भत्ता एवं अनुमन्य भत्ते प्रदान किए जाएंगे। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि छात्र सुरक्षा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।