2017 से आ रही लगातार
कुरजां की हमशक्ल कॉमन क्रेन वर्ष 2017 से लगातार आ रही है। हर साल कुरजां के साथ इनकी आवक होती है। दिखने में कुरजां व कॉमन क्रेन एक जैसी होने के कारण लोगों को इसका पता नहीं चल पाता है कि यह कुरजां है या कॉमन क्रेन। अधिकांश लोग इसे भी कुरजां ही समझते है। पक्षियों के विशेषज्ञ की नजर ही इन्हें पहचान पाती है एवं कुछ विशेषताएं इसे अलग बनाती है। यह है विशेषताएं –
- काली पट्टी आधी गर्दन तक ही होती है
- कुरजां से कुछ बड़ी होती है कॉमन क्रेन
- एक से डेढ़ किलो तक कुरजां से ज्यादा होता है वजन
- भोजन के रूप में मोतिया घास, छोटे कीट, मतीरा है पहली पसंद
- खुले स्थानों व जलभरावस्थलों के पास डालते है डेरा
- कुरजां के समूह के साथ ही रहती है कॉमन क्रेन
कुरजां से समान विशेषताएं
कुरजां जैसे दिखने वाले इस अलग प्रकार के पक्षी के बारे में पर्यावरणप्रेमियों व वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञों ने जांच की तो जानकारी मिली कि कुरजां के जैसी दिखने वाला पक्षी कॉमन क्रेन है, जिसकी विशेषताएं लगभग कुरजां के जैसी ही है। विशेष रूप से पोकरण, खेतोलाई व धोलिया के बीच, गंगाराम की ढाणी के पास एवं जैसलमेर के नेतसी व हड्डा रिण में कॉमन क्रेन पड़ाव डालती है।
सर्द मौसम में प्रवास
मध्य एशिया में अगस्त के बाद मार्च माह तक कड़ाके की ठंड का दौर चलता है और तापमान भी -10 से -20 तक पहुंच जाता है। ऐसे में कुरजां व कॉमन क्रेन का यहां रहना मुश्किल हो जाता है। इसी कारण ये पक्षी राजस्थान की तरफ अपना रुख करते है। यहां शीत ऋतु का मौसम इनके लिए अनुकूल होता है।