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जैसलमेर

700 करोड़ की लागत से 134 किलोमीटर सडक़ का होगा निर्माण

भारतमाला प्रोजेक्ट के अंतर्गत जैसलमेर जिले में जैसलमेर-म्याजलार और बाड़मेर जिले में मुनाबाव से तनोट तक का कुल 134 किलोमीटर सडक़ निर्माण कार्य वर्षों के अटकाव के बाद अब जल्द शुरू हो सकेगा।

जैसलमेरJun 23, 2025 / 08:15 pm

Deepak Vyas

भारतमाला प्रोजेक्ट के अंतर्गत जैसलमेर जिले में जैसलमेर-म्याजलार और बाड़मेर जिले में मुनाबाव से तनोट तक का कुल 134 किलोमीटर सडक़ निर्माण कार्य वर्षों के अटकाव के बाद अब जल्द शुरू हो सकेगा। यह कार्य पिछले पांच वर्ष से अधिक समय से डीएनपी क्षेत्र आने की वजह से अटका हुआ था। नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्ड लाइफ की तरफ से कई हिदायतों के साथ कार्य करवाने को पिछले वर्ष स्वीकृति प्रदान की गई थी। इसके बाद एनएचएआइ की तरफ से टेंडर प्रक्रिया पूरी करवाई जा चुकी है। जानकारी के अनुसार करीब 700 करोड़ रुपए की लागत से 134 किलोमीटर सडक़ के विस्तारीकरण और सुदृढ़ीकरण का यह कार्य धरातल पर अब शुरू होगा। इस संबंध में कुछ औपचारिकताओं का पूरा किया जाना अभी तक बाकी बताया जा रहा है।

महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा

देश के सीमा क्षेत्र को आपस में जोडऩे की केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना के तहत एनएचएआइ की तरफ से एनएच9 11 में जैसलमेर से म्याजलार तक करीब 100 किलोमीटर सडक़ का कार्य पिछले कई वर्षों से अटका हुआ था। इन रुकावटों को दूर करवाने के लिए लम्बे अर्से से किए गए प्रयासों के फलस्वरूप पिछले वर्ष अक्टूबर माह में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की स्थाई समिति ने मंजूरी प्रदान की। इसके बाद वन विभाग की तरफ से शर्तें रखी गई हैं। दरअसल, परियोजना का बड़ा हिस्सा राष्ट्रीय मरु उद्यान क्षेत्र से होकर गुजरता है। वन्यजीवों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कई दिशा निर्देश दिए गए हैं। जिनकी पालना कार्यकारी एजेंसी को करनी होगी। परियोजना में वर्तमान में बनी एकल सडक़ का दोहरीकरण करवाया जाएगा। इसी कड़ी में मुनाबाव से तनोट तक के प्रोजेक्ट में बाड़मेर के सुंदरा से म्याजलार तक के 37 किलोमीटर सडक़ मार्ग का भी निर्माण हो सकेगा।

दिए गए हैं दिशा-निर्देश

जानकारी के अनुसार वन्यजीव संस्थान ने पूरी सडक़ के लिए पशु मार्ग योजना निर्धारित की है। इस क्षेत्र में चिंकारा पाया जाता है और ऐसे जानवरों की ओर से सडक़ क्षेत्र को पार करने के लिए पाइप पुलियों का उपयोग नहीं किया जाएगा, इसलिए सुझाव दिया गया है कि संरक्षित क्षेत्र से गुजरने वाली सडक़ के इतने बड़े हिस्से के लिए पुलों की संख्या अधिक होनी चाहिए।
  • पशु मार्ग योजना का क्रियान्वयन उपयोगकर्ता एजेंसी की ओर से किया जाएगा। योजना में प्रस्तावित 250 मीटर तथा 150 मीटर के अंडरपास की दोगुनी संख्या का निर्माण उपयोगकर्ता एजेंसी द्वारा सडक़ के किनारे किया जाएगा।
  • परियोजना क्षेत्र में सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद कोई भी कार्य नहीं किया जाएगा। संरक्षित क्षेत्र से किसी भी प्रकार की सामग्री नहीं निकाली जाएगी। संरक्षित क्षेत्र के अंदर पेड़ों की कटाई और ईंधन की लकड़ी को जलाना मना है।
  • संरक्षित क्षेत्र की सीमा से 1 किमी के भीतर कोई श्रमिक शिविर नहीं होना चाहिए। कार्य के दौरान संरक्षित क्षेत्र की सीमा से 1 किमी के भीतर कोई विस्फोट नहीं किया जाएगा। परियोजना क्षेत्र में जंगली जानवरों के बारे में जानकारी, यातायात की मात्रा, गति आदि के नियंत्रण के बारे में साइनेज लगाए जाएंगे।
  • अभयारण्य क्षेत्र में प्रत्येक 500 मीटर पर एक साइन बोर्ड लगाया जाएगा। अभयारण्य क्षेत्र में प्रत्येक 300 मीटर की दूरी पर फ्लोरोसेंट पेंट से स्पीड ब्रेकर बनाए और चिह्नित किए जाएंगे।

जल्द शुरू करवाएंगे काम

भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत 134 किलोमीटर लम्बी सडक़ का निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा। इस संबंध में टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। मुख्यालय से अनुमति प्राप्त होने पर काम शुरू होगा। कार्य की अवधि 2 वर्ष निर्धारित की गई है।
  • जितेन्द्र चौधरी, परियोजना निदेशक, एनएचएआई, जैसलमेर

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