राज्य में लगातार बारिश के चलते 24 जुलाई को बीसलपुर के गेट पहली बार खोले गए। इसके बाद अगले दिन छह गेट खोल दिए गए, जिससे लगभग 84 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यह अब तक का एक रिकॉर्ड है। **इस बार मानसून की भरपूर बारिश** के कारण बांध जुलाई में ही पूर्ण भराव की स्थिति में आ गया था।
मानसून थमा, अब नियंत्रण की दिशा में जल प्रबंधन
अब जब प्रदेश में बारिश की तीव्रता धीमी हो गई है और अधिकांश जलाशय भर चुके हैं, तो जल संसाधन विभाग बांध की सामान्य स्थिति की बहाली की दिशा में काम कर रहा है। जल स्तर नियंत्रण में है और आसपास के जिलों जयपुर, टोंक और अजमेर के लिए पेयजल आपूर्ति सुचारु बनी हुई है।
इस बार का मानसून बना रिकॉर्डधारी
इस साल जुलाई में औसत से 88 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिसके चलते बीसलपुर सहित प्रदेश के कई प्रमुख बांधों में जल भराव अपने चरम पर पहुंच गया। यह पहली बार था जब जुलाई महीने में ही बीसलपुर का जलस्तर इतना ऊंचा पहुंचा कि गेट खोलने पड़े।
क्या कहता है विभाग?
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, “अब बारिश कम होने लगी है, और जल की आवक भी नियंत्रित है। ऐसे में हम गेटों की संख्या और उनकी ऊंचाई में कमी लाकर जल के संतुलन को बनाए रखने की दिशा में काम कर रहे हैं।