एअर इंडिया के ड्रीमलाइनर विमान संख्या बी-787-8 ने सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरी थी और कुछ सैकण्ड बाद ही विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना ने पूरे देश को झकझोर रख दिया था। इस हादसे में 230 यात्रियों और 12 क्रू मेंबर्स में से 241 लोगों की मौत हो गई, साथ ही जमीन पर 19 लोगों की जान चली गई। कुल 260 लोगों की इस हादसे में जान गई। सिर्फ एक ही व्यक्ति जिंदा बचा था। इनमें राजस्थान के भी 12 लोग शामिल थे।
नागरिक विमानन मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ने हादसे की रिपोर्ट नागरिक विमानन मंत्रालय को सौंप दी है। विमान दुर्घटना के पीछे महत्वपूर्ण कारण दोनों इंजनों में फ्यूल की सप्लाई बंद होना है। विमान के दोनों इंजन फ्यूल कटऑफ स्विच ‘RUN’ से ‘ CUTOFF ‘ हो गए। इससे इंजन बंद हो गए। इसके अलावा, कॉकपिट में पायलटों के बीच बातचीत के विश्लेषण से भी पता चला है कि फ्यूल कटऑफ किसी ने जानबूझकर नहीं किया था।
AAIB रिपोर्ट में विमान दुर्घटना के प्रमुख कारण बताए
इंजन विफलता: दोनों इंजन फ्यूल कटऑफ स्विच हो गए। विमान के इंजन बंद हो गए। हालांकि, अभी अंतिम निष्कर्ष सामने नहीं है। इंजन बंद के अन्य कारणों का विश्लेषण किया जा रहा है। पायलटों के बीच संवाद: विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ने जांच के दौरान कॉकपिट में पायलटों के बीच संवाद का भी विश्लेषण किया है। पायलटों के बीच की बातचीत से यह स्पष्ट हुआ है कि फ्यूल कटऑफ किसी ने जानबूझकर नहीं किया था।
RAT और APU सक्रिय: रिपोर्ट के अनुसार विमान के ऑटोमैटिक सिस्टम ने आपात परिस्थियों को देखते हुए स्वत: सहायता करने की कोशिश की। रैम एयर टर्बाइन (RAT) और ऑक्सिलरी पावर यूनिट (APU) जैसी प्रणालियों को सक्रिय करने के बावजूद विमान क्रैश होने से नहीं बचाया जा सका।
अनुभवी पायलट : जांच रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख भी किया गया है कि विमान के पायलट (कैप्टन) के पास उड़ान का कितना अनुभव था। इसके मुताबिक कप्तान सुमित सबरवाल के पास 15,000 घंटे से अधिक का अनुभव था, जबकि सह-पायलट क्लाइव कुंदर के पास 3,400 घंटे उड़ान का अनुभव था।
ईंधन के नमूने सही
रिपोर्ट में यह साफ है कि विमान के ईंधन में कोई खराबी नहीं थी। इसके अलावा, हवाई अड्डे के सीसीटीवी फुटेज से यह भी पुष्टि हुई कि उड़ान मार्ग पर कोई पक्षी गतिविधि (बर्ड स्ट्राइक) नहीं थी। जांच अब कॉकपिट में हुई गतिविधियों और फ्यूल कटऑफ स्विच के संचालन पर केंद्रित है।
एक महीने बाद आई प्रारंभिक रिपोर्ट
AAIB ने नागरिक विमानन मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट में कहा है कि ब्यूरो के अधिकारियों ने प्रारंभिक जांच पूरी कर ली है। विस्तृत जांच, विश्लेषण और साक्ष्य संग्रह अभी भी जारी हैं। यही कारण है कि फिलहाल कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। प्रारंभिक रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि यह केवल शुरुआती निष्कर्ष हैं, और जांच अभी पूरी नहीं हुई है। जांच में अमेरिका के National Transportation Safety Board (NTSB), बोइंग, जीई, और यूके, पुर्तगाल, कनाडा जैसे देशों के विशेषज्ञ शामिल हैं। ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) से डेटा निकाला जा चुका है, लेकिन पीछे का ईएएफआर क्षतिग्रस्त होने के कारण उसका डेटा पूरी तरह प्राप्त नहीं हो सका। जांचकर्ता अब थ्रॉटल क्वाड्रंट, फ्यूल कटऑफ स्विच, और कॉकपिट डिजाइन की गहन जांच कर रहे हैं। साथ ही, मानवीय कारकों और संभावित जानबूझकर की गई कार्रवाइयों की भी जांच की जा रही है। एक माह बाद भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ने इस हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कई अहम और चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इनमें विमान के दोनों इंजनों की ईंधन सप्लाई का कटऑफ होना सबसे अहम खुलासा माना जा रहा है।
विमान हादसे में राजस्थान के मृतक
अहमदाबाद विमान हादसे (12 जून 2025) में राजस्थान के 12 लोगों की मौत की पुष्टि हुई थी। इनमें डॉ. प्रदीप व्यास (बांसवाड़ा), डॉ. कोनी व्यास (प्रदीप व्यास की पत्नी, बांसवाड़ा), प्रद्युत जोशी, मिराया जोशी और नकुल जोशी ये तीनों ( डॉ. प्रदीप व्यास के बच्चे थे)। शुभ मोदी, शगुन मोदी दोनों उदयपुर के थे। वरदीचंद मेनारिया उदयपुर, प्रकाश मेनारिया उदयपुर, खुशबू बालोतरा, अभिनव बीकानेर, एक अज्ञात।