बता दें कि दिनभर रहवासी अपने घरों में कैद हो जाते हैं। सुबह उठकर देखते हैं तो घरों के बाहर गंदगी नजर आती है। कचरा उड़कर लोगों के घरों में जा रहा है। नियम-कायदे सब हवा हो रहे हैं। शहर में सोमवार से रविवार तक हर दिन अलग-अलग जगह ये हटवाड़े लग रहे है। दिनों-दिन इनका दायरा बढ़ता जा रहा है। इनकी सीमा कॉलोनियों और गलियों में अंदर तक पहुंच रही है।
सुबह से दोपहर तक हटवाड़े लग रहे
शहर के कुछ हटवाड़े सुबह से शाम तक लगते हैं तो कुछ जगहों पर सुबह से दोपहर तक हटवाड़े लग रहे हैं। वहीं, कई जगहों पर शाम से रात तक हटवाड़े लगते हैं। कंवर नगर, जनता मार्केट में शुक्रवार और शनिवार दो दिन हटवाड़ा लगता है, जहां गुरुवार रात 8 बजे से ही लोग अपनी दुकानें जमाना शुरू कर देते हैं। वहीं, जिन जगहों पर आधे दिन का हटवाड़ा लगता है, वहां दिनभर परेशानी रहती है।
किराए पर दे रहे जगह
शहर में कई जगहों पर तो ‘हटवाड़ा माफिया’ पनप रहे हैं। ये लोग खाली मैदान, लोगों की निजी जमीन व बड़े भूखंडों पर हटवाड़ा लगवा रहे हैं। ये लोग हटवाड़े में दुकान लगाने वालों से किराया तक ले रहे हैं, लेकिन सफाई व सुरक्षा की कोई जिम्मेदारी नहीं निभाते।
खुलेआम पॉलिथिन का हो रहा उपयोग
हटवाड़ों में खुलेआम सिंगल यूज प्लास्टिक व पॉलिथिन का उपयोग हो रहा है। है। उत्पादों के साथ सब्जी बेचने वाले लोगों को हाथों में पॉलिथिन थमा रहे हैं। पॉलिथिन के निशान दूसरे दिन भी हटवाड़े की जगह नजर आते हैं।
सब अधिकारी…पर मूंद रखी आंखें
हटवाड़ों की अनुमति देने, गंदगी के चालान करने, पॉलिथिन के उपयोग पर पाबंदी लगाने, अतिक्रमण हटाने आदि के सब अधिकार निगम के पास हैं। लेकिन हटवाड़ों की अव्यवस्था को लेकर ग्रेटर व हैरिटेज निगम ने आंखें मूंद रखी हैं। निगम के पास उनकी पूरी जानकारी है, लेकिन कार्रवाई कोई नहीं करता।
हटवाड़ा लगाने वाले बाजार में गंदगी छोड़ जाते हैं, जो दूसरे दिन तक पड़ी रहती है। इस गंदगी को देख निगम वाले स्थायी दुकानदारों के चालान कर जाते हैं। कचरा हटवाड़ा वाले फैलाते हैं, जुर्माना दुकानदार भर रहे हैं।
-विष्णुदत्त शर्मा, महासचिव, संजय बाजार व्यापार मंडल
महेश नगर में गुरुवार को हटवाड़ा लगता है। इस दिन लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है। इस दिन हमारे घर मेहमान आने से भी बचते हैं।
-सुनिता शर्मा, महेश नगर निवासी