कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। वहीं, श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन भी कथा सुनी। पं. मिश्रा ने कहा कि शिवजी ने न पत्नी को छोड़ा, न बच्चों को, न अपना घर। हम से भी यही अपेक्षा है कि परिवार को साथ रखकर साधना करें। भगवान शिव से यही सीख लेनी चाहिए। आखिरी दिन बुधवार को कथा का समय सुबह 8 बजे से रहेगा।
पास धारकों की जांच
आयोजन समिति के संयोजक राजन शर्मा एवं सचिव अनिल संत ने बताया कि बढ़ती भीड़ को कंट्रोल करने के लिए कथा स्थल पर एंट्री पास सिस्टम लागू करना पड़ा। कुछ लोगों ने फर्जी पास बांट दिए। पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए गेट पर पास धारकों की जांच शुरू कर दी है।
पार्षद महेश अग्रवाल व दीपक गर्ग ने बताया कि अन्नपूर्णा भोजनशाला में हजारों श्रद्धालुओं के लिए प्रसादी बनाने वाले हलवाइयों को समानित किया गया।