Rajasthan: आखिर क्यों डिस्कॉम सीएमडी ने कहा…‘काम किए बिना बिल पास किए तो सीधे एसीबी में भेजूंगी मामला’ जानें पूरा सच
सीएमडी डोगरा ने इंजीनियरों को चेताया कि यदि किसी ने भी मौके पर काम हुए बिना ही ठेकेदारों के बिल पास कर दिए तो चार्जशीट नहीं, बल्कि सीधे भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में मामला भेजूंगी। मुझे ऐसी शिकायत मिली है, जिसकी जांच कर रही हूं
डिस्कॉम सीएमडी की इंजीनियरों को चेतावनी,फोटो- डीआइपीआर
Jaipur Discom: बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉस) की सीएमडी आरती डोगरा ने बिजली कनेक्शन जारी करने में देरी के मामलों में लापरवाह इंजीनियरों को आड़े हाथों लिया। विद्युत भवन में बुधवार को जयपुर डिस्कॉम के 12 जिलों के एक्सईएन (ओएंडएम) की बैठक में डोगरा ने विद्युत कनेक्शन में देरी का कारण पूछा तो इंजीनियर टरकाते रहे। इस पर उन्होंने वहीं से आवेदकों को फोन मिला दिया और हकीकत जानी। डोगरा ने इंजीनियरों को चेताया कि यदि किसी ने भी मौके पर काम हुए बिना ही ठेकेदारों के बिल पास कर दिए तो चार्जशीट नहीं, बल्कि सीधे भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में मामला भेजूंगी।
इस बीच भिवाड़ी सर्कल में ग्रुप हाउसिंग का कनेक्शन लटकाने पर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। मीटिंग खत्म होते-होते तो जिमेदार अधीक्षण अभियंता जे.पी. बैरवा और अधिशासी अभियंता एस.सी. महावर को चार्जशीट जारी कर दी गई। सहायक प्रशासनिक अधिकारी शंकरलाल सैनी को एपीओ कर दिया। मामले की विस्तृत जांच करने के निर्देश दिए।
डिमांड एस्टीमेट के 6.50 करोड़ का नुकसान
भिवाड़ी सर्कल में एक आवेदक की कनेक्शन की फाइल 3-4 माह तक घूमती रही। इसके चलते करीब 6.50 करोड़ रुपए का डिमांड एस्टीमेट जमा नहीं होने और उपभोक्ता से हाई टैरिफ नहीं मिलने से जयपुर डिस्कॉम को नुकसान हुआ।
‘काम किए बिना बिल पास किए तो सीधे एसीबी में भेजूंगी मामला’
डोगरा ने इंजीनियरों को चेताया कि यदि किसी ने भी मौके पर काम हुए बिना ही ठेकेदारों के बिल पास कर दिए तो चार्जशीट नहीं, बल्कि सीधे भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में मामला भेजूंगी। मुझे ऐसी शिकायत मिली है, जिसकी जांच कर रही हूं और जल्द ही हकीकत सामने आ जाएगी।
कम वसूली तो बाहर जाने के लिए रहें तैयार
जयपुर ग्रामीण सर्कल में राजस्व वसूली में कमी पर नाराजगी जताई। सीएमडी ने दौसा का उदाहरण देते हुए कहा कि जब वहां 98-99 प्रतिशत वसूली हो सकती है तो जयपुर जिले में पीछे कैसे रह सकते हैं। यदि राजस्व अर्जन 96 प्रतिशत से कम रहा तो जिमेदार बाहर जाने के लिए तैयार रहें।