इतना ही नहीं, इस बार की बारिश पिछले वर्षों के मुकाबले और भी अधिक उत्साहजनक रही है। सामान्यतः इस अवधि में औसतन 217 मिमी वर्षा होती है, जबकि इस वर्ष अब तक 85 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। राज्य के 714 वर्षामापी स्टेशनों से प्राप्त आंकड़े इस वर्ष बेहतर जल संग्रहण की पुष्टि करते हैं।
राज्य के 260 जलाशय अपनी पूर्ण भराव क्षमता तक पहुंच चुके हैं, जिनमें से 202 बांधों में जल का स्तर लगातार बढ़ रहा है। इसे देखते हुए प्रशासन ने आमजन को पूर्व सूचना के साथ जल निकासी प्रारंभ कर दी है। बांधों में लबालब पानी देख किसान, पशुपालक और आम नागरिकों के चेहरे खिल उठे हैं।
केंद्रीय और स्थानीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष सक्रिय
राज्य सरकार ने जून 2025 से ही सिंचाई भवन, जयपुर में केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष को सक्रिय कर दिया था। यह कक्ष 24 घंटे प्रदेशभर की बारिश, बांधों और नदियों की स्थिति पर नजर बनाए हुए है। जिलों और पड़ोसी राज्यों से समन्वय करते हुए बारिश और संभावित बाढ़ से संबंधित सूचनाओं का समय पर आदान-प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश में अब कुल 77 बाढ़ नियंत्रण कक्ष संचालित हो रहे हैं, जिनमें राजस्व विभाग के 41 और जल संसाधन विभाग के 36 नियंत्रण कक्ष शामिल हैं। इसके अलावा, प्रमुख बांधों पर अलग से गेट संचालन और निगरानी के लिए नियंत्रण केंद्र स्थापित किए गए हैं।
जलाशयों में 76 प्रतिशत जल संचयन
राज्य के कुल 693 बांधों की भराव क्षमता 13,026 एमसीयूएम है, जिनमें से अब तक 9,902 एमसीयूएम जल संग्रहित हो चुका है, जो कुल क्षमता का 76 प्रतिशत है। जून-जुलाई के दौरान 4,256 एमसीयूएम जल की आवक दर्ज की गई। 23 बड़े बांधों की भराव क्षमता 8,196 एमसीयूएम है, जिनमें से 6,929 एमसीयूएम(84%) भर चुके हैं। वहीं, 670 मध्यम और लघु बांधों में कुल 2,972 एमसीयूएम(61%) जल संग्रहण हुआ है। 1 अगस्त को राज्य के 7 बांध ओवरफ्लो हुए, जबकि बारां जिले के उम्मेद सागर में अब तक सर्वाधिक 1541 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।