इसी तरह संबंधित विभागों के अधिकारी भी इन कार्यों का निरीक्षण, प्रगति रिपोर्ट ऐप से देख सकेंगे। विभागीय योजनाओं के तहत किए जाने वाले कार्यों की प्रशासनिक, तकनीकी और वित्तीय स्वीकृति भी अब ‘ई-वर्क’ पोर्टल के माध्यम से ई-साइन से ऑनलाइन ही दी जाएगी।
अधिकारियों के अनुसार इस निर्णय के पीछे सरकार की मंशा है कि विधायक मद के बजट में होने वाली अनियमितताओं, गड़बड़ियों और बंदरबांट पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके। इससे कामकाज में पारदर्शिता आएगी और जवाबदेही होगी। यह नई व्यवस्था एक अप्रेल से प्रभावी कर दी गई है, लेकिन बजट के अभाव के कारण अब तक किसी विधायक की ओर से इस प्रणाली का विधिवत उपयोग शुरू नहीं किया गया है। ग्रामीण विकास विभाग ने प्रदेश के सभी जिला कलक्टरों को नई प्रक्रिया से अनुशंसा लेने के निर्देश जारी किए हैं।