scriptRajasthan New Districts : राजस्थान के नए जिलों में नहीं बदले हालात, 8 नए जिलों की पड़ताल में सामने आई चौंकाने वाली स्थिति | Rajasthan new district: Foundation of promises laid two years ago, but not even a district building | Patrika News
जयपुर

Rajasthan New Districts : राजस्थान के नए जिलों में नहीं बदले हालात, 8 नए जिलों की पड़ताल में सामने आई चौंकाने वाली स्थिति

Rajasthan New Districts: 8 जिलों पर मौजूदा सरकार की मुहर लगे भी सात माह बीत गए, लेकिन धरातल पर किसी भी जगह जिला मुख्यालय का भवन तक आकार नहीं ले पाया है।

जयपुरAug 08, 2025 / 07:22 am

Anil Prajapat

rajasthan-new-districts-1

राजस्थान का नक्शा। पत्रिका फाइल फोटो

जयपुर। ठीक दो साल पहले 7 अगस्त को तत्कालीन राज्य सरकार ने क्षेत्रीय विकास के वादे के साथ नए जिलों की नींव रखी। इनमें से 8 जिलों पर मौजूदा सरकार की मुहर लगे भी सात माह बीत गए, लेकिन धरातल पर किसी भी जगह जिला मुख्यालय का भवन तक आकार नहीं ले पाया है। इन जिलों में कलक्टर-पुलिस अधीक्षक तो लगा दिए हैं, लेकिन बाकी जिला कार्यालयों की स्थिति का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि आज भी डीडवाना-कुचामन के लोग कई विभागों से सम्बन्धित कार्यों के लिए नागौर के चक्कर काट रहे हैं।
हकीकत यह हैं कि राजस्व रिकॉर्ड में बदलाव आया है, लगभग सभी जगह धरातल पर हालात नहीं बदले हैं। आठ नए जिलों की पड़ताल में यह स्थिति सामने आई। इन जिलों की घोषणा के समय आधारभूत ढांचे के लिए हर जिले को एक-एक करोड़ रुपए बजट आवंटित किया गया।

बनाया जाए मिनी सचिवालय

जिला मुख्यालयों को मिनी सचिवालय के रूप में विकसित किया जाए, जिससे सभी कार्यालय एक ही परिसर में चल सकें।

1. डीडवाना-कुचामन

वादा: अब नागौर की दूरी नहीं नापनी पडे़गी। स्थानीय विकास को बढ़ावा मिलेगा और लोगों का समय बचेगा। इसके अलावा जिलास्तरीय परियोजनाओं को गति मिलेगी।
हकीकत: सुविधाएं बढ़ीं, लेकिन कई जिला कार्यालय नहीं होने से लोग नागौर जाने को मजबूर हैं। कलक्टर व पुलिस अधीक्षक सहित अधिकांश जिला कार्यालय किराये के भवनों में संचालित हो रहे हैं।

2. बालोतरा

वादा: वस्त्र नगरी के नाम से प्रसिद्ध बालोतरा सहित जिले के विकास में तेजी आएगी। लोगों को जिलास्तरीय कार्यों के लिए लंबी दूरी नहीं नापनी पडे़गी।
हकीकत: शहर में टूटी सड़क, खुले नालों, जलभराव, बदहाल सीवरेज, बिजली कटौती व बेतरतीब यातायात की समस्या। मिनी सचिवालय, रिंग रोड व रेल सुविधाओं के विस्तार की घोषणा कागजों तक सीमित।

3. कोटपूतली-बहरोड़

वादा: जिला स्तरीय कार्यों के लिए लंबी दूरी तय नहीं करनी पडे़गी। हाइवे से नजदीक होने के कारण विकास में तेजी आएगी। कोटपूतली व बहरोड़ में बराबर कार्यालय खोले जाएंगे।
हकीकत: जिला स्तरीय कार्यालयों के लिए भवन तक नहीं, ज्यादातर कार्यालय कोटपूतली में स्थापित। कर्मचारी व संसाधनों का अभाव है।

4. खैरथल-तिजारा

वादा: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से नजदीक होने के कारण विकास में तेजी आएगी और खैरथल को गुरुग्राम की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।
हकीकत: अभी तक विकास नजर नहीं आ रहा। कई कार्यालय तो धर्मशाला में चल रहे हैं। पर्याप्त स्टाफ नहीं होने से लोगों को परेशानी हो रही है।

5. डीग

दावा: पुरामहत्व का क्षेत्र होने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। औद्योगिक विकास व आधारभूत ढांचे के विकास को गति मिलेगी।
हकीकत: अधिकांश कार्यालय के भवनों के लिए न जमीन का आवंटन हुआ और न बजट का। छोटे-छोटे कार्यों के लिए आमजन को भटकना पड़ रहा है।

6. ब्यावर

दावा: लंबे समय से चल रही मांग पूरी होने से क्षेत्रीय विकास में तेजी आएगी और अपनी अलग से पहचान बन सकेगी।
हकीकत: जिला स्तरीय अधिकारी आ गए, स्टाफ व भवन की कमी है। जिला चिकित्सालय में कार्डियोल़जी, यूरोल़ॉजी विभाग आदि नहीं है।

7. सलूम्बर

वादा: आदिवासी क्षेत्र होने से विकास कार्यों में तेजी आएगी। पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। आधारभूत ढांचा विकसित होगा।
हकीकत: मिनी सचिवालय के लिए जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर बस्सी गांव में जमीन आरक्षित की, लेकिन दूरी के कारण विरोध के चलते जिला मुख्यालय भूमि के लिए नया प्रस्ताव भेजना पड़ा और वह भी राज्य सरकार के पास लंबित है।

8. फलोदी

दावा: जोधपुर से दूरी के कारण विकास नहीं हो रहा, नया जिला बनने से विकास में तेजी आएगी। पर्यटन का भी बढ़ावा मिलेगा।

हकीकत: कलक्टर व पुलिस अधीक्षक कार्यालय इंदिरा गांधी नहर परियोजना भवन में चल रहे हैं। दोनों अधिकारियों का आवास भी आईजीएनपी के भवन में ही है। नगर परिषद्, शिक्षा विभाग, राजस्व विभागों से उधारी पर स्टाफ लिया हुआ है।

Hindi News / Jaipur / Rajasthan New Districts : राजस्थान के नए जिलों में नहीं बदले हालात, 8 नए जिलों की पड़ताल में सामने आई चौंकाने वाली स्थिति

ट्रेंडिंग वीडियो