scriptRajasthan Rain: मानसून ने 6 जिलों को किया तर… टोंक में सर्वाधिक बरसे मेघ, जानें दूसरे फेज में कितनी बारिश | Rajasthan Monsoon drenched 6 districts… Jaipur district received maximum rainfall, know how much rain will fall in the second phase | Patrika News
जयपुर

Rajasthan Rain: मानसून ने 6 जिलों को किया तर… टोंक में सर्वाधिक बरसे मेघ, जानें दूसरे फेज में कितनी बारिश

प्रदेश के पश्चिमी भागों में मानसून का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। मौसम विज्ञानियों की मानें तो दक्षिण पश्चिमी मानसून इस बार प्रदेश में जुलाई माह में पहले चरण में शानदार रहने वाला है। वहीं अगस्त में शुरू होने वाले दूसरे चरण का बारिश का दौर थोड़ा सुस्त रहने की आशंका है।

जयपुरJun 21, 2025 / 12:45 pm

anand yadav

राजस्थान में मानसून सक्रिय, झमाझम बारिश का दौर सक्रिय, पत्रिका फोटो

राजस्थान में जयपुर समेत पूर्वी इलाकों में तय वक्त से पहले मानसून की दस्तक के बाद झमाझम बारिश का दौर जारी है। अच्छी बारिश के चलते लोगों को गर्मी से राहत मिली तो दूसरी तरफ किसानों ने बुवाई को लेकर खेतों का रुख कर लिया है। फिलहाल पहले दौर में प्रदेश के पूर्वी इलाकों में मानसून जमकर मेहरबान हो रहा है।
वहीं प्रदेश के पश्चिमी भागों में मानसून का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। मौसम विज्ञानियों की मानें तो दक्षिण पश्चिमी मानसून इस बार प्रदेश में जुलाई माह में पहले चरण में शानदार रहने वाला है। वहीं अगस्त में शुरू होने वाले दूसरे चरण का बारिश का दौर थोड़ा सुस्त रहने की आशंका है।

दो फेज में मानसून की सक्रियता

राजस्थान में हर साल मानसून की दो फेज में सक्रियता रहती है। आगमन के साथ ही झमाझम बारिश का दौर सक्रिय होता है। पिछले तीन साल में राजस्थान में पहले फेज की तुलना में दूसरे फेज में विदाई से पहले मानसून जमकर मेहरबान रहा। पिछले तीन साल में प्रदेश में मानसून का आगमन भी लगभग तय वक्त पर ही हुआ लेकिन फिर बारिश का दौर कहीं ज्यादा तो कहीं धीमा रहा।
जयपुर में बारिश का दौर, पत्रिका फोटो

पिछले साल दूसरे फेज में रिकॉर्ड बारिश

प्रदेश में वर्ष 2024 में मानसून सर्वाधिक मेहरबान रहा। इस साल भी प्रदेश में बंपर बारिश का अनुमान मौसम विज्ञानियों ने जताया है। राजस्थान राज्य में जून से सितंबर माह में मानसून की औसत बारिश का आंकड़ा 435.6 मिमी है। वहीं वर्ष 2024 में राज्य में 678.4 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई जो पिछले वर्ष 1971 से 2020 के दीर्घकालीक औसत बारिश से 156 फीसदी ज्यादा है। प्रदेश में वर्ष 1917 में औसत बारिश की तुलना में 844.2 मिमी व वर्ष 1908 में 682.2 मिमी बारिश रिकॉर्ड हो चुकी है।

मानसून-2024 की फैक्ट फाइल

पिछले साल राजस्थान राज्य के 33 जिलों में से 16 जिलों में अतिवर्षा हुई जो सामान्य से 60 फीसदी अधिक रही। जबकि 10 जिलों में सामान्य से अधिक और 7 जिलों में बारिश का आंकड़ा सामान्य रहा। दो जिलों में मानसून की रिकॉर्ड बारिश भी दर्ज की गई। दो जिलों में दक्षिण पश्चिमी मानसून जमकर मेहरबान रहा। दौसा और सवाईमाधोपुर जिले में दीर्घकालीक औसत से ज्यादा बारिश हुई।
 पत्रिका फोटो

जयपुर समेत 6 जिलों में झमाझम बारिश

बीते 24 घंटे में राजधानी जयपुर समेत 6 जिलों में बारिश का दौर रहा। टोंक जिले में सर्वाधिक बारिश हुई तो जयपुर, करौली और हाड़ौती अंचल में भारी बारिश का दौर चला। बूंदी, दौसा, जयपुर, सवाईमाधोपुर, टोंक और कोटा जिले में झमाझम बारिश का दौर रहा।
झमाझम बारिश से फूटी जलधारा, पत्रिका फोटो

पिछले 24 घंटे में प्रमुख जिलों में बारिश का हाल

पिछले 24 घंटे में पूर्वी राजस्थान में मेघ मेहरबान रहे। बारां 88, भीलवाड़ा जैतपुरा 77, बूंदी 116, रायथल 140, केशवरायपाटन 107, तालेड़ा 91,बर्धा डेम 80, चांद का तालाब 80, चित्तौड़गढ़ में भदेसर 100 मिमी बारिश हुई। दौसा में सीकरी 119, रामगढ़ पचवारा 102, लवाण 79, जयपुर जिले में चाकसू 153, माधोराजपुरा 125, फागी 108, मौजमाबाद 68, छापरवाड़ा 72, जयपुर 43 मिमी बारिश मापी गई।
जोधपुर में पीपाड़ सिटी 68, भोपालगढ 65, करौली जिले में नांदौती 115, करौली 86,सूरोठ 72, कोटा में खातौली 114, पीपलदा 108, कनवास 77, लाडपुरा 66, कोटा एयरपोर्ट 115.8, सवाईमाधोपुर में देवपुरा 86, ढील बांध 80, चौथ का बरवाड़ा 139, सवाई माधोपुर 70 और टोंक जिले में निवाई 165, अलीगढ़ 118, उनियारा 79, मासी टैंक 72 मिमी बारिश हुई।

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