इसके साथ ही राजस्थान हाईकोर्ट में जल्द ही सात नए न्यायाधीशों की नियुक्ति की संभावना है। यदि यह नियुक्ति हो जाती है तो हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार न्यायाधीशों की संख्या 40 को पार कर जाएगी।
केआर श्रीराम महाराष्ट्र के मूल निवासी
बता दें, जस्टिस केआर श्रीराम महाराष्ट्र के मूल निवासी हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 2013 में बॉम्बे हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में की थी। 2016 में वे स्थायी न्यायाधीश बने और 27 सितंबर 2024 को मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर उनका तबादला राजस्थान हाईकोर्ट में किया गया है।
हालांकि, उनका कार्यकाल केवल 69 दिन का होगा, क्योंकि वे 27 सितंबर 2025 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इस तबादले के तहत राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एमएम श्रीवास्तव को मद्रास हाईकोर्ट भेजा गया है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इसकी अधिसूचना सोमवार को जारी की गई।
जजों की संख्या 40 पार होने की संभावना
बताते चलें कि जस्टिस श्रीराम का कार्यकाल भले ही सीमित हो, लेकिन उनकी नियुक्ति के साथ ही राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायिक ढांचे को मजबूत करने की उम्मीद है। वर्तमान में हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 50 है, लेकिन कार्यरत न्यायाधीशों की संख्या 30 से भी कम रही है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सात नए न्यायाधीशों की नियुक्ति की सिफारिश की है, जिनमें छह अधिवक्ता कोटे से और एक न्यायिक सेवा कोटे से होंगे। इन नियुक्तियों के लिए राष्ट्रपति भवन से वारंट जारी होने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। यदि ये नियुक्तियां हो जाती हैं तो राजस्थान हाईकोर्ट में पहली बार जजों की संख्या 40 को पार कर जाएगी, जो लंबित मामलों के निपटारे में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।