इस योजना में बाजरा, मूंग, मोठ, ग्वार, चंवला, कपास, धान, तिल और मूंगफली जैसी फसलें शामिल हैं। वहीं, पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना में किन्नू और मिर्च जैसी अन्य नकदी फसलों को भी शामिल किया गया है। प्रत्येक फसल के लिए बीमा प्रीमियम और बीमित राशि अलग-अलग तय की गई है।
आवेदन के लिए पात्र
इस बीमा योजना का लाभ ऋणी और गैर-ऋणी दोनों प्रकार के किसान उठा सकते हैं। गैर-ऋणी किसानों को आधार कार्ड, नवीनतम जमाबंदी की प्रति और बैंक पासबुक की प्रति अपलोड करनी होगी। बटाईदार किसानों को अतिरिक्त रूप से स्टाप पर शपथ पत्र और अन्य दस्तावेज देने होंगे। गैर ऋणी कृषकों का बीमा करवाने के लिए उनकी एग्री स्टेक फॉर्मर आइडी अनिवार्य होगी।
कटाई के बाद नुकसान
फसल कटाई के बाद सूखने के लिए खेत में छोड़ी गई फसल को चक्रवात, असामयिक वर्षा और ओलावृष्टि से हुए व्यक्तिगत नुकसान पर। इसके अलावा, कटाई के बाद 14 दिनों तक चक्रवाती बारिश या ओलावृष्टि से नुकसान होने पर भी बीमा क्लेम दिया जाता है।
ऐसे करें आवेदन
प्रभावित बीमित फसल के किसान को आपदा के 72 घंटे के अंदर सीधे भारत सरकार की ओर से संचालित कृषि रक्षक पोर्टल पर क्रॉप इंश्योरेंस एप पर या जिले की अधिकृत बीमा कंपनी के नंबर पर सूचित करना आवश्यक है। बीमा से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए किसान अपने जिले के लिए कृषि और राजस्व कार्यालय, किसान हेल्पलाइन नंबर 14447 व अधिकृत बीमा कंपनियों से संपर्क कर सकते हैं।
-पिन्टू लाल मीना, सहायक कृषि अधिकारी,गंगापुरसिटी
खरीफ फसलों के लिए किसानों को 2 फीसदी प्रीमियम देना होगा। बागवानी वाणिज्यिक फसलों के लिए 5 प्रतिशत प्रीमियम देना होगा। किसान अपना आवेदन अपने नजदीकी बैंक, ग्रामीण बैंक, डाकघर या कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से कर सकते हैं। बीमा करवाते समय अपना मोबाइल नंबर अवश्य दर्ज कराएं, ताकि एसएमएस से बीमा से जुड़ी जानकारी समय-समय पर मिलती रहे।