Rajasthan Cyber fraud: एमबीए मामा व इंजीनियर भांजा ने की 400 करोड़ की साइबर ठगी, ऐसे करते ठगी की वारदात
Rajasthan Cyber fraud: भरतपुर रेंज आइजी राहुल प्रकाश की टीम ने साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया, जिन्होंने ऑनलाइन गेमिंग और निवेश के नाम पर 400 करोड़ रुपए की साइबर ठगी की।
जयपुर/भरतपुर। भरतपुर रेंज आइजी राहुल प्रकाश की टीम ने साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया, जिन्होंने ऑनलाइन गेमिंग और निवेश के नाम पर 400 करोड़ रुपए की साइबर ठगी की। पुलिस अनुसंधान के बाद ठगी की रकम 1000 से 1500 करोड़ रुपए तक पहुंचने की आशंका जताई है। दावा यह भी किया जा रहा है कि यह देश में सबसे बड़ी साइबर ठगी हो सकती है।
आइजी राहुल प्रकाश ने बताया कि गिरोह एमबीए किया हुआ मामा व इंजीनियर भांजा चला रहे थे। मामा-भांजा ने मूलत: उत्तर प्रदेश के बैरिया स्थित बहुआरा हाल नई दिल्ली मोहन गार्डन निवासी दिनेश सिंह व उसकी पत्नी कुमकुम के नाम से ठगी के लिए कंपनी खोली और इसके बदले में दम्पती को प्रतिमाह 27 हजार रुपए दे रहे थे।
दम्पती को कंपनी में निदेशक बना रखा था। दम्पती के साथ मूलत: उत्तर प्रदेश के बैरिया स्थित बहुआरा व हाल नई दिल्ली में थाना सेक्टर 17 स्थित चन्द्रापार्क निवासी सरगना मामा रविन्द्र सिंह को गिरफ्तार किया। जबकि बेंगलुरु से भांजा शशिकांत मोबाइल बंद कर भाग गया। भांजे सहित गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।
उन्होंने बताया कि धौलपुर निवासी हरीसिंह ने 6 मार्च को टोल फ्री नंबर 1930 पर एफआइएनओ पेमेंट बैंक खाते के खिलाफ 35 लाख रुपए की ठगी करने की शिकायत दर्ज करवाई थी। गौरतलब है कि पत्रिका के साइबर ठगों के खिलाफ चलाए गए अभियान के बाद प्रदेश में पुलिस ठगों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है।
जांच के दौरान बढ़ गई 1000 शिकायतें
आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि साइबर वॉर रूम की सतर्कता टीम और 14सी डायरेक्टर राजेश कुमार व उनकी टीम की मदद से अनुसंधान किया गया। जब ठगी किए जाने वाले खाते की जांच की गई तो सामने आया कि 3000 से अधिक ठगी की शिकायतें पहले से दर्ज थीं। अनुसंधान करने के दौरान ठगी की शिकायतों की संख्या 4000 पहुंच गई। मामले को गंभीरता से लेते हुए एफआईआर दर्ज की गई।
एक वर्ष बाद पुरानी बंद, गरीब के नाम नई कंपनी खोलते
राहुल प्रकाश ने बताया कि मामा-भांजा ने धौलपुर निवासी हरीसिंह से ठगी की रकम को चार फर्जी कंपनियों के खातों में ट्रांसफर किया। चारों कंपनी के बैंक खातों को फ्रीज करवाया गया। वर्तमान में इन खातों में करीब 4 करोड़ रुपए की राशि जमा है। ठगी के लिए नई खोली जाने वाली कंपनी के लिए गरीब लोगों को चिह्नित करते और उनसे दस्तावेज लेकर उनको डायरेक्टर बनाते हुए कंपनी खोल लेते।
एक कंपनी एक वर्ष बाद बंद कर देते और ठगी के लिए दूसरी कंपनी खोल लेते हैं। जिसके नाम कंपनी खोलते उन्हें प्रति माह मोटी रकम देते। मामा-भांजा गिरफ्तार दम्पती को उनके नाम से कंपनी खोलने पर प्रति माह 27 हजार रुपए दे रहे थे। सरगना रविन्द्र सिंह ने अब तक 5 से अधिक फर्जी कंपनियां रजिस्टर्ड करवाई हैं।
मामा-भांजा गैंग के जरिए सोशल मीडिया पर गेमिंग व निवेश के फर्जी लिंक भेजते हैं। शुरुआत में पीडि़त को मुनाफा दिखाकर विश्वास में लेते हैं। लालच देकर मोटी रकम निवेश करवा लेते हैं और पूरी रकम हड़प जाते हैं। पीडि़त के मोबाइल का रिमोट एक्सेस लेकर उसी से अन्य ठगी की वारदात करते हैं।
गैंग ने फिनो, बॅकबॉक्स इन्फोटेक, फोनपे जैसे कई पेमेंट गेटवे का दुरुपयोग कर रही थी। वहीं एचडीएफसी, आरबीएल, बंधन, कोटक, इंडसेण्ड, एक्सेस व यस बैंक में ठगी की रकम जमा कराने के लिए दर्जनों फर्जी खाते खोले। आइजी राहुल प्रकाश ने बताया कि बैंकों के खातों की केवाईसी प्रक्रिया और दस्तावेजों की जांच के लिए संबंधित बैंक मैनेजर को नोटिस जारी किए हैं।