scriptRailway: डिजिटल टिकट पर कतार का मैनुअल रूट…ऐप की ट्रेन, फिर भी कतार में इंतजार, जानें ये कारण | Railway: Manual route for queue on digital ticket… App has train, still waiting in queue, know these reasons | Patrika News
जयपुर

Railway: डिजिटल टिकट पर कतार का मैनुअल रूट…ऐप की ट्रेन, फिर भी कतार में इंतजार, जानें ये कारण

यूटीएस (अनरिजर्व्ड टिकटिंग सिस्टम) ऐप, आइआरसीटीसी पोर्टल और रेलवन जैसे मोबाइल ऐप्स के जरिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग, पूछताछ और खानपान सेवाओं की शुरुआत की गई है। लेकिन प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर अब भी यात्रियों को लंबी कतारों से राहत नहीं मिल पा रही।

जयपुरJul 07, 2025 / 08:27 am

anand yadav

रेलवे टिकट बुकिंग काउंटर, पत्रिका फोटो

Jaipur: रेलवे प्रशासन ने टिकटिंग से लेकर खानपान तक कई सेवाएं डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कर दी हैं। यूटीएस (अनरिजर्व्ड टिकटिंग सिस्टम) ऐप, आइआरसीटीसी पोर्टल और रेलवन जैसे मोबाइल ऐप्स के जरिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग, पूछताछ और खानपान सेवाओं की शुरुआत की गई है।
लेकिन राजधानी के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर अब भी यात्रियों को लंबी कतारों से राहत नहीं मिल पा रही।जयपुर जंक्शन, गांधीनगर और दुर्गापुरा जैसे स्टेशनों पर जनरल टिकट विंडो और पूछताछ काउंटर पर हर दिन सैकड़ों यात्री घंटों लाइन में खड़े नजर आते हैं। सीजन के दौरान तो हालात और बिगड़ जाते हैं, जब एक जनरल टिकट के लिए यात्रियों को आधे घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ता है।
रेलवे टिकट बुकिंग कार्यालय, फोटो एआइ

ऐप बनाना काफी नहीं, इस्तेमाल सिखाना जरूरी

रेलवे मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि केवल मोबाइल ऐप बनाना ही समाधान नहीं है। जरूरी है कि इन सेवाओं को जमीनी स्तर पर प्रभावी तरीके से लागू किया जाए। इसके लिए स्टेशनों पर डिजिटल हेल्प डेस्क स्थापित की जाएं। प्रचार-प्रसार और ट्रेनिंग कैंप चलाए जाएं और यात्रियों में भरोसा और सुविधा, दोनों पैदा किए जाएं।

डिजिटल विकल्प मौजूद, पर उपयोग नहीं

रेलवे ने भले ही तकनीकी उपाय किए हों, लेकिन यात्रियों में जागरूकता की कमी और डिजिटल सेवाओं पर भरोसे का अभाव मुख्य कारण बन रहे हैं। स्टेशन पर यात्रियों से बातचीत में सामने आया कि बहुत से यात्री यूटीएस ऐप और अन्य विकल्पों से अनजान हैं। जो जानते भी हैं, वे तकनीकी गड़बड़ियों या सर्वर फेल होने के डर से लाइन में लगना ज्यादा सुरक्षित मानते हैं।स्टेशन परिसरों में डिजिटल विकल्पों की जानकारी के साइन बोर्ड या हेल्प डेस्क नहीं के बराबर हैं।

रेलवे का दावा: बढ़ रहा है ऐप का उपयोग

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। एक अप्रेल से 20 जून 2025 तक, जयपुर मंडल में 18.64 लाख यात्रियों ने यूटीएस ऐप से अनारक्षित टिकट खरीदे। पिछले वर्ष यह आंकड़ा 43 लाख था। जबकि जयपुर स्टेशन से हर माह औसतन 40-45 लाख यात्री यात्रा करते हैं। इस लिहाज से डिजिटल विकल्पों का प्रयोग अब भी बहुत सीमित है।

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