हालात यह हैं कि शहर और जिले के कई जूनियर इंजीनियर (जेईएन) और सहायक अभियंता (एईएन) प्रमोशन मिलने के महीनों बाद भी उसी पुराने पद और जगह पर काम करने को मजबूर हैं। जयपुर शहर में करीब 40 बिजली सब डिवीजन हैं, जिनमें से 20 सब डिवीजन उपभोक्ताओं की तय 28 हजार की संख्या के मुकाबले ओवरलोड हैं।
सब डिवीजनों पर भारी दबाव
उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग के कारण इन सब डिवीजनों पर भारी दबाव है। इंजीनियरों का कहना है कि अगर डिस्कॉम प्रबंधन नए सब डिवीजन बनाकर पदोन्नत इंजीनियरों को तैनाती दे, तो यह न सिर्फ इंजीनियरों के कार्यभार को हल्का करेगा, बल्कि शहर की बिजली सप्लाई व्यवस्था को भी मजबूत करेगा।
प्रस्ताव के बाद भी ठोस कदम नहीं उठाया
वरिष्ठ अभियंताओं के अनुसार, कई बार इस संबंध में प्रस्ताव भी दिए गए हैं, लेकिन प्रबंधन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इससे उपभोक्ताओं को समय पर सप्लाई, फॉल्ट सुधार और कनेक्शन जैसी सेवाओं में देरी का सामना करना पड़ रहा है।
इन लोगों को यहां मिला चार्ज
इसी बीच करौली में एसई के अतिरिक्त चार्ज को लेकर भी डिस्कॉम में चर्चाएं तेज हैं। करौली के एसई का अतिरिक्त चार्ज गंगापुर में तैनात एक्सईएन रूप सिंह गुर्जर को दे दिया गया है। यह मामला चर्चा का विषय इसलिए बना हुआ है। क्योंकि गंगापुर करौली से करीब 36 किलोमीटर दूर है और करौली में ही 5 वरिष्ठ एक्सईएन तैनात हैं, जिन्हें यह जिम्मेदारी दी जा सकती थी। इंजीनियरों का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब दूसरे सर्कल के कनिष्ठ एक्सईएन को इस तरह का चार्ज दिया गया है।
नई पोस्टिंग का इंतजार
जयपुर में हाल ही में पदोन्नति पाने वाले इंजीनियरों में एईएन से एक्सईएन बने रामावतार बैरवा (चाकसू) और दिनेश कुमार (जगतपुरा) शामिल हैं। वहीं, जेईएन से एईएन बने सरिता कुमारी (मालवीय नगर) और विजय कुमार (टेस्टिंग लैब) भी नई पोस्टिंग का इंतजार कर रहे हैं। इंजीनियरों ने प्रबंधन से जल्द नई पोस्टिंग देने और ओवरलोड सब डिवीजन में सुधार के लिए गंभीर कदम उठाने की मांग की है।