सरकार ने सोमवार को कोर्ट की अनुमति से केस रद्द करने के लिए दायर पुनरीक्षण याचिका वापस ले ली, वहीं पक्षकार बनाने के आग्रह के साथ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे अशोक पाठक को कोर्ट ने इन्टरवीनर बनाकर पक्ष रखने का मौका दे दिया।
मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव ने एकल पट्टा प्रकरण में पुनरीक्षण याचिका वापस लेने के राज्य सरकार के प्रार्थना पत्र व पक्षकार बनने के लिए दायर अशोक पाठक की याचिका पर सोमवार को फैसला सुनाया। पाठक की ओर से अधिवक्ता वागीश कुमार सिंह ने कहा था कि मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा है और वादी के पास एकल पट्टा प्रकरण से सम्बन्धित प्रमाण हैं। ऐसे में उसे पक्षकार बनाया जाए।
वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा था कि जांच में नए तथ्य सामने आए, इस कारण सरकार पुनरीक्षण याचिका वापस लेना चाहती है। पुनरीक्षण याचिका के जरिए राज्य सरकार ने अधीनस्थ अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें एकल पट्टा प्रकरण में केस वापस लेने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। धारीवाल व अन्य ने पाठक को पक्षकार बनाने और सरकार को पुनरीक्षण याचिका वापस की अनुमति देने का विरोध किया।
कोर्ट ने सरकार का पुनरीक्षण याचिका वापस लेने का प्रार्थना पत्र मंजूर करते हुए कहा कि अधीनस्थ अदालत के आदेश के खिलाफ अन्य पुनरीक्षण याचिकाएं लंबित हैं और सरकार को याचिका जारी रखने के लिए बाध्य भी नहीं किया जा सकता।