जबकि केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक करने पर केंद्रीय कानून लागू होता है। वर्तमान में प्रदेश में दोनों ही तरह के मामले दर्ज हो रहे हैं। राजस्थान सरकार के कानून के तहत अधिकतम सजा आजीवन कारावास है, जबकि केंद्र के कानून के तहत अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है।
क्या कहता है केंद्रीय कानून
राजधानी जयपुर के वैशाली नगर थाना पुलिस ने 25 जनवरी 2025 को नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड की एग्री ट्रेनी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के संबंध में मामला दर्ज किया। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 318 (4), 61 (2) (ए), आईटी एक्ट की धारा 43, 66 और लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) विधेयक 2024 की धारा 3, 4, 8, 10 (1) (2), 11 (1) के तहत मामला दर्ज किया।
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इसके अंतर्गत पेपर लीक करने वाले को कम से कम पांच साल की सजा और अधिकतम 10 साल तक की सजा हो सकती है। साथ ही एक करोड़ रुपये से कम का जुर्माना नहीं हो सकता। इस मामले में गिरोह के कई सदस्य गिरफ्तार हो चुके हैं।
क्या कहता है राजस्थान का कानून
एसओजी थाने में 19 अक्तूबर 2024 को राजस्व अधिकारी ग्रेड द्वितीय एवं अधिशाषी अधिकारी वर्ग चतुर्थ (स्वायत्त शासन विभाग) परीक्षा 2022 का पेपर लीक और ब्लूटूथ से नकल कराने का मामला दर्ज किया गया। एसओजी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471, 120बी और राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती परीक्षा में अनुचित साधनों की रोकथाम के अध्युपाय) अधिनियम 2022 की धारा 3, 4, 6, 10 में एफआईआर दर्ज की।
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इसके तहत कम से कम 10 वर्ष की सजा का प्रावधान है, जो आजीवन कारावास तक हो सकती है। वहीं, जुर्माना राशि कम से कम 10 लाख रुपये और अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक हो सकती है।