राजस्थान में अब MJO कराएगा भारी बारिश! 60 दिन तक सक्रिय रहेगी ये मौसमी घटना, इन जिलों में अलर्ट जारी
इस बार मानसून उत्तर भारत में वक्त से पहले पहुंचकर सक्रिय होने में हिंद महासागर में घट रही मौसमी घटना एमजेओ को जिम्मेदार माना जा रहा है। मौसमी घटना के प्रभाव से ही जून के बाद अब जुलाई में भी राजस्थान समेत देश के उत्तर पूर्वी इलाकों में जुलाई में भी झमाझम बारिश होने की उम्मीद है।
राजस्थान में जुलाई मेें मूसलाधार बारिश का अलर्ट, पत्रिका फोटो
Rajasthan Weather: इस बार दक्षिण पश्चिमी मानसून की तय वक्त से पहले एंट्री हुई और जून के अंतिम पखवाड़े में राजस्थान के पूर्वी इलाकों में मेघ जमकर मेहरबान हुए। कई जिलों में जून माह में ही रिकॉर्ड बारिश हो गई वहीं जुलाई में भी बंपर बारिश होने का अनुमान है। इस बार मानसून उत्तर भारत में वक्त से पहले पहुंचकर सक्रिय होने में हिंद महासागर में घट रही मौसमी घटना एमजेओ को जिम्मेदार माना जा रहा है। मौसमी घटना के प्रभाव से ही जून के बाद अब जुलाई में भी राजस्थान समेत देश के उत्तर पूर्वी इलाकों में जुलाई में भी झमाझम बारिश होने की उम्मीद है।
भूमध्य रेखा के पास घटने वाली मौसमी घटना मैडेन-जूलियन ऑसिलेशन-एमजेओ सामान्यतया अधिकतम 60 दिनों तक सक्रिय रहती है। इसे वर्षा, बादलों की स्थिति और हवा के दबाव के साथ साथ पूर्व दिशा में चलने वाली पल्स भी माना जाता है। यह मुख्य रूप से हिंद और प्रशांत महासागर को प्रभावित करती है वहीं वैश्विक स्तर पर मौसम के पैटर्न पर भी असर डालती है।
एमजेओ का यह प्रभाव
एमजेओ देश में मानसून के समय और तीव्रता को प्रभावित कर सकता है जिसके कारण कृषि और जल संसाधनों पर असर पड़ने की आशंका रहती है। इसके अलावा यह उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में बारिश की तीव्रता और वितरण पर भी प्रभाव डालता है। एमजेओ के कारण देश में अत्यधिक बारिश और तूफान आने की भी संभावना रहती है। राजस्थान में भी एमजेओ के प्रभाव के चलते ही जून माह में तेज बारिश का दौर सक्रिय रहा है।
राजस्थान में मानसून मेहरबान, औसत से ज्यादा बारिश
राजस्थान में इस बार मानसून ने वक्त से पहले एंट्री ली और कई जिलों में जून माह में ही बारिश का आंकड़ा औसत से 140 फीसदी तक दर्ज हुआ है। सामान्यतया दक्षिण पश्चिमी मानसून प्रदेश में 25 जून के आसपास ही प्रवेश करता है। प्रदेश में एक जून से 28 जून तक औसतन 45.67 मिमी बारिश होती है लेकिन इस बार जून में ही करीब 110 मिमी बारिश दर्ज हो चुकी है जो औसत से करीब 140 फीसदी ज्यादा है।
प्रदेश में अब तक बारिश का हाल
प्रदेश में 41 जिलों में से 33 में असामान्य वर्षा, 4 जिलों में सामान्य से अधिक और तीन जिलों में सामान्य व एक जिले में सामान्य से कम वर्षा अब तक हुई है। कोटा संभाग में अभी तक संभाग में 262 मिमी बारिश दर्ज हो चुकी है।जोधपुर संभाग में भी अब तक औसत से 27 फीसदी अधिक बारिश हुई है।
इन जिलों में बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने सोमवार को चूरू, सीकर, अलवर, भरतपुर और धौलपुर जिले में मेघगर्जन के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने और कहीं कहीं आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना है।