नए बिल्डिंग बायलॉज में बहुआवासीय, फ्लैट्स, ग्रुप हाउसिंग के भवनों की निजी टैरिस (छत) उपयोग के प्रावधान में बड़ा बदलाव किया गया है। अभी तक निजी टैरिस की अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं थी, इसी का फायदा बिल्डर उठाते रहे। अब बिल्डर छत का अधिकतम 25 प्रतिशत हिस्सा ही निजी टैरिस के रूप में उपयोग कर पाएंगे।
50 प्रतिशत पार्किंग विजिटर्स के लिए होगी छोड़नी -भवनों में प्लिंथ की अधिकतम ऊंचाई 1.2 मीटर रखी गई है, पहले अधिकतम ऊंचाई का प्रावधान नहीं था। -स्टूडियो, अपार्टमेंट, दुकानें, व्यावसायिक परिसर, रूफटॉप, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस, चिकित्सा संस्थान, कोचिंग सेंटर में न्यूनतम पार्किंग की 50 प्रतिशत पार्किंग विजिटर्स के लिए रखनी होगी।
-अब इमारत के आंशिक पूर्णता प्रमाण पत्र और आंशिक अधिवास प्रमाण पत्र दिए जा सकेंगे, पहले ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। -बेटरमेंट लेवी की पूरी राशि जमा कराने तक अतिरिक्त निर्मित क्षेत्र (बीएआर) के न्यूनतम 15 प्रतिशत क्षेत्रफल के बराबर की इकाइयां बिल्डर को रहन (गिरवी) रखनी होगी। पूरी राशि जमा कराने के बाद संबंधित निकाय इन इकाइयों को रहन से मुक्त करेंगे।
-दस हजार वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल के जो प्रोजेक्ट आएंगे, वे ग्रीन बिल्डिंग के दायरे में आएंगे। ग्रीन बिल्डिंग की छूटें यथावत रहेंगी। बायलॉज में मापदंड निर्धारित नहीं, उसके लिए समिति ऐसे भवन, जिनके संबंध में इन बायलॉज में मापदंड निर्धारित नहीं है, उन्हें निर्धारित करने या संशोधन करने के लिए समिति का गठन किया गया है। समिति की अनुशंसा के बाद प्रकरण राज्य सरकार के पास जाएगा। समिति के अध्यक्ष यूडीएच के प्रमुख सचिव होंगे। स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक, मुख्य नगर नियोजक, जेडीए आयोजन निदेशक सदस्य और यूडीएच में वरिष्ठ नगर नियोजक सदस्य सचिव होगा। इसमें इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट राजस्थान चेप्टर के अध्यक्ष या सचिव को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में बुलाया जाएगा।
विवाद में सरकार करेगी फैसला भवन निर्माण स्वीकृति के किसी भी मामले में विकासकर्ता और संबंधित नगरीय निकाय के बीच विवाद होने की स्थिति में राज्य सरकार निर्णय करेगी।