राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. अमित यादव ने किया। उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (NIMHANS) के एन-स्प्रिट सेंटर के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों द्वारा मनोवैज्ञानिक तकनीकों के जरिये आत्मघाती प्रवृत्ति वाले लोगों की पहचान और उनके साथ व्यवहार की विधियों पर विस्तार से चर्चा की जा रही है।
डॉ. यादव ने बताया कि “गेटकीपर” ऐसे प्रशिक्षित व्यक्ति होंगे, जो समाज में निराश या अवसादग्रस्त व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें समय पर उचित मार्गदर्शन और सहायता उपलब्ध करवा सकेंगे। यह कार्यक्रम आत्महत्या के संभावित कारणों को समझकर समय रहते हस्तक्षेप की रणनीति प्रदान करेगा।
एनएचएम की अतिरिक्त मिशन निदेशक डॉ. टी. शुभमंगला ने कहा कि मानसिक बीमारियों की पहचान और तनाव प्रबंधन आत्महत्या रोकथाम में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। ‘मनदर्पण, टेलीमानस और गेट कीपर प्रोग्राम’ जैसे नवाचार कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाया जा रहा है।
इस कार्यशाला में प्रदेश भर के चिकित्सक, मानसिक स्वास्थ्य इकाइयों के प्रतिनिधि व अन्य स्वास्थ्यकर्मी भाग ले रहे हैं। विभिन्न तकनीकी सत्रों में सेल्फ हार्म या सुसाइड के जोखिम की स्थिति में आवश्यक हस्तक्षेप (इंटरवेंशन) की प्रक्रिया सिखाई जा रही है।