Nahargarh Biological Park: तारा-रानी के शावकों से लौटी रौनक, नई पीढ़ी से जैविक उद्यान में सन्नाटा खत्म
नाहरगढ़ जैविक उद्यान में बाघिन तारा-रानी के शावकों से रौनक लौट आई है। वर्तमान में उद्यान में दस शावक रह रहे है जिससे वन विभाग के साथ वन्यजीव प्रेमी भी खुश हैं।
राजस्थान की राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ जैविक उद्यान में रौनक लौट आई है। शेरनी तारा और बाघिन रानी की नई पीढ़ी ने जैविक उद्यान के सन्नाटे को खत्म कर दिया है। वर्तमान में यहां दस शावक रह रहे हैं। दो सफेद बाघ शावकों वाला यह प्रदेश का एकमात्र जैविक उद्यान बन गया है। इस नई पीढ़ी से न केवल वन महकमे के अफसर बल्कि वन्यजीव प्रेमी भी खुश हैं।
गत पांच-छह वर्ष में नाहरगढ़ जैविक उद्यान में अलग-अलग कारणों से एक के बाद एक बाघ-बाघिन, शेर-शेरनी व शावकों की मौत हो गई थी। इससे यहां मायूसी छा गई थी लेकिन गत दो वर्ष से नाहरगढ़ में फिर से रौनक छा गई है। रेस्क्यू कर लाए लेपर्ड मादा शावक राधा और बाघ शावक रणवीर को यहां नया जीवन मिला है।
गत वर्ष बाघिन रानी ने तीन शावकों को जन्म दिया था। इसमें एक की मौत हो गई थी। उसके बाद दो शावक भीम और स्कंदी का एनआइसीयू में पालन पोषण हुआ। इसी प्रकार शेरनी तारा के शावक तारा का भी पालन पोषण हुआ। हाल ही बाघिन रानी ने पांच शावक जन्मे हैं। वो भी स्वस्थ बताए जा रहे हैं। इनकी विशेष मॉनिटरिंग की जारी है।
राजकुमार-राजकुमारी का आकर्षण
जैविक उद्यान में दो हिप्पो शावक राजकुमार और राजकुमारी भी रह रहे हैं। ये भी आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। प्रदेश के दूसरे अन्य जैविक उद्यान में कहीं भी हिप्पो शावक या हिप्पो का जोड़ा नहीं है। इस जोड़े को दिल्ली से एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत लाया गया था।
इनका कहना है
सभी शावकों की विशेष देखरेख की जा रही है। इनकी सीसीटीवी कैमरों से मॉनिटरिंग होती है। उनके खान-पान, व्यवहार और स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है। -डॉ. अरविंद माथुर, वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक