scriptMother’s Day : मां की मौत के बाद भी नवजात बच्चों को मिलता है दूसरी मां का दूध, यह है राजस्थान का सबसे बड़ा मदर मिल्क बैंक | Mothers Day 2025: Even after the death of the mother, newborn babies get milk from another mother, this is Rajasthan's largest mother milk bank | Patrika News
जयपुर

Mother’s Day : मां की मौत के बाद भी नवजात बच्चों को मिलता है दूसरी मां का दूध, यह है राजस्थान का सबसे बड़ा मदर मिल्क बैंक

कई महिलाएं बच्चों को जन्म देती है। उसके बाद उनकी मौत हो जाती है। इसके अलावा कई प्रसूताएं संक्रमण की चपेट में आ जाती है। ऐसे में यह माँ कुछ चिकित्सकीय कारणों से अपने बच्चे को स्तनपान नहीं करा पाती है।

जयपुरMay 11, 2025 / 12:15 pm

Manish Chaturvedi

जयपुर। वह मां जो नवजात जन्म देते ही दुनिया छोड़कर चली जाती है। उनके नवजात बच्चों का सहारा बनती है दूसरी मां। ऐसे नवजात बच्चों को अस्पताल में दूध की जरूरत होती है। जिन्हें जीने के लिए दूसरी मां के दूध का सहारा होता है। यह दूध मदर मिल्क बैंक में स्टोरेज होता है। कहना जितना आसान है, यह प्रक्रिया उतनी आसान नहीं है। क्योंकि मदर मिल्क बैंक में भी दूसरी महिलाओं से दूध डोनेशन कराना इतना आसान नहीं होता है।
यह भी पढ़ें

रीट परीक्षा 2024 के परिणाम को लेकर आई बड़ी खबर, अब लाखों परीक्षार्थियों का खत्म होने जा रहा इंतजार

जटिल कहने का मतलब यह है कि जो महिलाएं होती है, वह आसानी से अपना मिल्क डोनेट नहीं करती है। कई महिलाओं में बच्चा दूध अपनी जरूरत के हिसाब से पीता है। बाकी दूध वेस्ट होता है। इस दूध को डोनेट करने के लिए जब महिलाओं को कहा जाता है तब उन्हें लगता है कि यह तो उनके बच्चे के हिस्से का दूध है। वह इस दूध को डोनेट क्यों करे।
कई महिलाओं को लगता है कि मिल्क डोनेट करने से उनके शरीर में कमजोरी आ जाएगी। ऐसे कई सवाल महिलाओं के जेहन में होते है। और इन सभी सवालों को सामना करना पड़ता है उन काउंसलर्स को। जिनकी ड्यूटी जे के लोन या अन्य अस्पतालों में बने मदर मिल्क बैंक में है।
यह भी पढ़ें

राजस्थान से बड़ी खबर, बारातियों से भरी बस पलटी, मच गई चीख-पुकार, बड़ी संख्या में लोग हुए घायल

जयपुर में जेके लोन अस्पताल प्रदेश का सबसे बड़ा मदर मिल्क बैंक है। जहां काम करने वाली लैक्टेशन कांउसलर्स को महिलाओं को बहुत हद तक समझाना होता है। तब जाकर कई महिलाओं को मिल्क डोनेशन समझ आता है और वह डोनेट करती है। लेकिन कई महिलाएं फिर भी नहीं समझ पाती है। अच्छी बात यह भी है कि कई शहरी महिलाएं ऐसी भी आती है जिनकी कभी काउंसलिंग ही नहीं की गई। वह अपना मिल्क स्वत डोनेट करने आ जाती है। लेकिन ऐसी महिलाएं बहुत कम है।

महिलाओं को झेलनी पड़ती है यह परेशानियां…

मां बनने के बाद स्तनपान एक नेचुरल प्रोसेस है। अधिकांश मां धीरे-धीरे बच्चे को सही तरह से ब्रेस्टफीड कराना सीख जाती हैं, लेकिन हर मां और बच्चे के साथ ऐसा नहीं होता है। कभी बच्चे के सामान्य से अलग होने तो कभी मां को किसी तरह की समस्या होने की वजह से बच्चे को बेस्टफीडिंग कराने में दिक्कत आती है। वह सामान्य तरीके से स्तनपान नहीं करा पाती हैं। इस दौरान मदर मिल्क बैंक में काम करने वाली काउंसलर उनकी मदद करती है।

इसलिए मदर मिल्क बैंक की जरूरत..

कई महिलाएं बच्चों को जन्म देती है। उसके बाद उनकी मौत हो जाती है। इसके अलावा कई प्रसूताएं संक्रमण की चपेट में आ जाती है। ऐसे में यह माँ कुछ चिकित्सकीय कारणों से अपने बच्चे को स्तनपान नहीं करा पाती है। ऐसे कई बच्चे हैं, जो इसी तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं। इन्ही बच्चों की जरूरत को मदर मिल्क बैंक के जरिए पूरा किया जाता है।

तीन तरह का होता है मदर मिल्क ..

फोर मिल्क – मां के शुरुआत में जो दूध आता है उसे फोरमिल्क कहते हैं। जिसमें अमीनो एसिड, प्रोटीन और विटामिन ज्यादा होते हैं।

मिड मिल्क – मिड मिल्क में फैट और कार्बोहाइड्रेट होते हैं।
हाई मिल्क – हाई मिल्क में कार्बोहाइड्रेट और शुगर ज्यादा होते हैं।

इनका कहना है..

महिलाओं में कई तरह की भ्रांतियां होती है। किसी को लगता है कि वह मिल्क डोनेट करने से कमजोर हो जाएगी तो किसी को कुछ। ऐसे में बहुत समझाइस करते है। तब जाकर कई महिला मिल्क डोनेट के लिए तैयार होती है।
मुक्ति कुमारी
लैक्टेशन काउंसलर, जेके लोन, जयपुर

Hindi News / Jaipur / Mother’s Day : मां की मौत के बाद भी नवजात बच्चों को मिलता है दूसरी मां का दूध, यह है राजस्थान का सबसे बड़ा मदर मिल्क बैंक

ट्रेंडिंग वीडियो