झालावाड़ में स्कूल की छत गिरने से बड़ा हादसा: यहां देखें राजस्थान के सरकारी स्कूलों के जर्जर हालात
राजस्थान में सरकारी स्कूल हादसे ने साफ कर दिया है कि प्रदेश की सरकारी शिक्षा व्यवस्था कैसे जर्जर इमारतों में रेंग रही है। राजस्थान में कई ऐसे स्कूल हैं जो जर्जर भवनों में लगातार संचालित हो रहे हैं। यहां हम उन तस्वीरों को दिखा रहे हैं, जहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
जयपुर। राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहर थाना इलाके में मौजूद पिपलोदी गांव में सरकारी स्कूल की इमारत ढहने से शुक्रवार को बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे में कई मासूमों की जान चली गई, वहीं कई घायल हैं। यह स्थिति सिर्फ एक जगह की नहीं है, बल्कि प्रदेश के कई सरकारी स्कूल जर्जर भवनों में संचालित हो रहे हैं। यहां देख सकते हैं कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था कैसे जर्जर भवनों के सहारे रेंग रही है।
भरतपुर जिले में मौजूद महात्मा गांधी इंग्लिश स्कूल की यह तस्वीर है, देख सकते हैं कि किस तरह से जर्जर हालात में स्कूल का भवन है। और कैसे स्कूल में कचरा फैला हुआ है।
यह तस्वीर भी भरतपुर जिले के सरकारी स्कूल महात्मा गांधी इंग्लिश स्कूल की है, किस तरह से जर्जर हालत में भवन है। बिल्डिंग की दीवारों में दरार आ गई है। प्लास्टर धीरे-धीरे नीचे गिर रहा है।
फोटो-ओम मालीबाड़मेर। यह तस्वीर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय संख्या 04 की है। विद्यालय में बालिका पानी पीने के लिए जहां खड़ी है, वहीं पास की दीवार हादसे को न्यौता दे रही है। दीवार पर पानी के चलते सीलन आ गई है। उसके सहारे भी कक्षा चल रही है। दीवार के ऊपरी हिस्से में एक बालिका पढ़ाई में ध्यान दिए हुए है। यह विद्यालय बड़े हादसे को न्यौता दे रहा है।
फोटो-ओम माली
यह तस्वीर भी बाड़मेर जिले के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय संख्या 04 की है।
फोटो-ओम मालीबाड़मेर। यह तस्वीरें राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गांधी नगर की हैं। विद्यालय में तीन कक्ष पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हैं। उन कमरों में ताले लगे हुए हैं। उन कक्षा के आगे बने बरामदे में छात्रों को पढ़ाया जाता है।
फोटो – सुरेश हेमनानी फोटो- सुरेश हेमनानी
हर पल हादसे का खतरा
पाली। जिले के कई स्कूल जर्जर हो गए हैं। उनमें हर समय हादसे का खतरा रहता है। शहर के पुराना हाउसिंग बोर्ड स्थित कमलेश धारीवाल बालिका राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में पट्टियों में दरार आ गई हैं। बरसात के चलते दीवारों से पानी रिस रहा है। स्कूल मैदान भी पानी से भरा है। ऐसे में विद्यार्थियों को पत्थरों पर पैर रखकर कक्षाओं तक जाना पड़ रहा है।
कोटा। राजकीय महात्मा गांधी उच्च प्राथमिक अंग्रेजी विद्यालय बम्बूलिया में क्षतिग्रस्त छत व सीलन के बीच बैठकर पढ़ने को मजबूर विद्यार्थी। फोटो- रंगलाल बलाईभीलवाड़ा। जिले के शाहपुरा तहसील के फूलिया कलां के ग्राम पंचायत धनोप के जोरा का खेड़ा ग्राम स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय भवन की टूटी छत को लकड़ी के सहारे टिका कर रखा गया है। इस घटना को कई दिन होने के बाद भी स्कूल की मरम्मत नहीं की गई है। स्कूल के छात्रों की जान को खतरा बना हुआ है।
फोटो- अरविंद हिरणभीलवाड़ा। शहर के शास्त्रीनगर स्थित महात्मा गांधी न्यू हाउसिंग बोर्ड शास्त्रीनगर अंग्रेजी विद्यालय भवन की हालत दयनीय बनी हुई है। यहां बारिश के दौरान छत का प्लास्टर गिर गया था। अब सरिए साफ नजर आ रहे हैं। स्कूल के शिक्षकों की तरफ से समग्र शिक्षा अधिकारी को शिकायत करने के बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
अलवर। शहर के राजकीय प्रताप उच्च माध्यमिक विद्यालय में कुछ दिन पूर्व बारिश से बरामदे का गिरा प्लास्टर। अलवर। शहर के राजकीय नवीन उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य कक्ष के पास गैलरी में बारिश के दिनों में छत से ऐसे पानी टपकता है। कुछ दिन पूर्व बारिश के दौरान स्कूल की गैलरी में भरा पानी। शुक्रवार को गैलरी में खड़े विद्यार्थी।
बारां। ऊपर की तीन तस्वीरें जिले के भंवरगढ कस्बे के पास तेजाजी डांडा बस्ती के राउमावि की हैं। जहां पर देख सकते हैं कि स्कूल परिसर में किस तरह से श्वान और सूअर घूम रहे हैं।
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