राजेन्द्र राठौड़ और गोविंद सिंह डोटासरा (फोटो- पत्रिका)
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार सजायाफ्ता भाजपा के अंता विधायक कंवरलाल मीणा की सजा माफ कराने का षड्यंत्र रच रही है। इसके लिए देश के कानून मंत्री से भी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मिल चुके हैं। इस संबंध में कांग्रेस नेताओं ने राज्यपाल हरिभाऊ बागडे को संविधान के अनुच्छेद 161 के अंतर्गत सजायाफ्ता अंता विधायक मीणा की सजा माफ नहीं करने के लिए पत्र सौंपा है।
जूली के नेतृत्व में विधायकों का छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मुलाकात करने के बाद मीडिया से रूबरू हुआ। जूली ने कहा कि विधायक कंवरलाल मीणा को 3 साल की सजा हो चुकी है, लेकिन अब वे राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर राज्यपाल से माफी के प्रयास में जुटे हैं।
उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को भी तीन बार सदस्यता समाप्त करने के लिए पत्र भेजे जा चुके हैं, लेकिन वे भी कार्रवाई नहीं कर रहे, जबकि मानहानि जैसे मामले में राहुल गांधी को 2 वर्ष की सजा होते ही 24 घंटे के भीतर उनकी लोकसभा की सदस्यता समाप्त कर दी गई थी।
सरकार पर लगाया आरोप
प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने कहा कि डबल इंजन सरकार लगातार संविधान पर प्रहार कर रही है। 19 दिन हो चुके हैं, लेकिन विधायक की सदस्यता समाप्त नहीं की। विधायक की गिरफ्तारी की जगह आज भी सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि अब अध्यक्ष को एक बार फिर अंतिम चेतावनी पत्र देंगे। बाद में आगे की रणनीति पार्टी तय करेगी। राज्यपाल से मिले प्रतिनिधि मंडल में उपनेता प्रतिपक्ष रामकेश मीणा, मुख्य सचेतक रफीक खान के अलावा विधायक मौजूद थे।
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राठौड़ का पलटवार
भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र राठौड़ ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा के विधानसभा की समिति से इस्तीफा देने पर कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष का पद सर्वाेपरि और सम्मानजनक है। विधानसभा पर विश्वास नहीं है तो डोटासरा को विधायक पद से ही इस्तीफा दे देना चाहिए।
राठौड़ ने एक बयान जारी कर कहा कि विधानसभा के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ जब स्पीकर पर इस तरह से आरोप लगाए। डोटासरा तो संविधान में राज्यपाल को मिले अधिकार पर ही सवाल उठा रहे हैं। गौरतलब है कि डोटासरा ने अपने त्यागपत्र में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के हालिया निर्णयों पर सवाल उठाते हुए उन्हें संविधान की मूल भावना के खिलाफ और पक्षपातपूर्ण करार दिया।