ऐसे बनाते शिकार
एसीपी आदित्य पूनिया ने बताया कि आरोपी अपने ठगी के शिकार के रूप में अकेली बुजुर्ग महिला या पुरुष को चुनते थे। उनके पास एक ऑटो रिक्शा भी रहता था। वारदात की शुरुआत एक आरोपी के पता पूछने या मदद मांगने के बहाने बुजुर्ग से संपर्क करने से होती थी। फिर वह खुद को नौकरी से निकाले जाने की बात कहता और खाने के लिए पैसे नहीं होने की कहानी सुनाता। तभी दूसरा साथी वहां आता और पहली बार में ही उस व्यक्ति को 100-200 रुपए देता है। यह देखकर भरोसा दिलाने का माहौल बनाते हैं।

यहां-यहां की ठगी
मालपुरा गेट: एक सप्ताह पहले बुजुर्ग महिला से सोने के टॉप्सचांदपोल: 16 दिन पहले महिला से चांदी की पायजेब और सोने के टॉप्स
छोटी चौपड़: 20 दिन पहले बुजुर्ग महिला से सोने की अंगूठी
सिंधी कैंप: 20 दिन पहले महिला से सोने का मंगलसूत्र और टॉप्स
जयपुर जंक्शन: 25 दिन पहले महिला से चांदी की पायजेब और कड़ा
सांगानेर पुलिया: एक माह पहले महिला से सोने के टॉप्स
ब्रह्मपुरी: दो माह पहले महिला से सोने का लॉकेट
भट्टा बस्ती: पांच माह पहले महिला से सोने की चेन
दादी का फाटक: पांच माह पहले महिला से सोने की चेन
मालपुरा गेट बस स्टैंड: एक व्यक्ति से ब्रांडेड मोबाइल