आत्महत्या करने वाले मनमोहन तोषवानी (54) वैशाली नगर स्थित इंद्रप्रस्थ कॉलोनी का रहने वाला था। वह पिछले बीस साल से चांदपोल बाजार के मिश्र राजाजी का रास्ता में संदीप एजेंसी के नाम से चाय पत्ती का कारोबार कर रहा था।
पुलिस के अनुसार मनमोहन का चौधरी टी ट्रेडर्स के मालिक नाथूराम चौधरी के साथ व्यापारिक लेन-देन था। नाथूराम ने मनमोहन से करीब दस लाख रुपए का माल उधार लिया था, जिसका भुगतान नहीं किया था। मनमोहन पिछले पांच महीनों से राशि मांग रहा था। आरोप है कि नाथूराम उसे पैसे नहीं दे रहा था बल्कि जान से मारने की धमकी दे रहा था। मनमोहन की पत्नी प्रियंका तोषनीवाल ने श्याम नगर थाने में नाथूराम चौधरी और उसके बेटे के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज करवाया है।
कार में बेहोश मिला पीड़ित कारोबारी
वीडियो देखकर संजय ने तुरंत मनमोहन को फोन कर उसे आत्महत्या से रोकने की कोशिश की। स्थिति की गंभीरता समझते हुए संजय ने श्याम नगर थाना पुलिस को सूचित किया। पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंची, जहां मनमोहन कार में बेहोश मिला। उसे तत्काल स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे एसएमएस अस्पताल रेफर किया गया। देर रात इलाज के दौरान मनमोहन ने दम तोड़ दिया। श्याम नगर थाने के एसआइ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि वीडियो और अन्य साक्ष्यों के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस नाथूराम और उसके बेटे से पूछताछ करेगी। आरोपी के घर पहुंचा था
28 जून को मनमोहन उधार की राशि मांगने नाथूराम के वशिष्ठ मार्ग, श्याम नगर स्थित घर पहुंचा। वहां नाथूराम और उसके बेटे ने कथित तौर पर उसे जान से मारने की धमकी दी। परेशान मनमोहन ने उसी दिन नाथूराम के घर के बाहर कार में बैठकर विषाक्त पी लिया। आत्महत्या से पहले उसने एक वीडियो बनाया, जिसमें उसने नाथूराम की ओर से दी गई धमकियों और उधारी डूबने के दबाव को अपनी मौत का कारण बताया। यह वीडियो उसने अपने दोस्त संजय को भेजा।