इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने बच्चों से संवाद कर उनका उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कहा कि विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चे सामर्थ्य में किसी से कम नहीं हैं। उनमें कई विशिष्ट खूबियां होती हैं और इतिहास साक्षी है कि विशेष योग्यता वाले जनों ने सृष्टि के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि यह छात्र देश का भविष्य हैं और राष्ट्र के विकास में उनका योगदान अत्यंत आवश्यक है। दिव्यांग बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना और उन्हें सम्मानजनक जीवन उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है।
प्रत्येक व्यक्ति की सामर्थ्य के अनुसार करें सेवा
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम सबकी जिम्मेदारी है कि प्रत्येक व्यक्ति की सामर्थ्य के अनुसार सेवा करें और मानवता का परिचय दें। यह सभी लोगों की परीक्षा है कि किस प्रकार से जरूरतमंद की मदद कर हम ईश्वर द्वारा दिए गए मानव जीवन को सार्थक बनाते हैं। देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए स्वदेशी वस्तुओं का अधिक से अधिक उपयोग करें और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभाते हुए पॉलिथिन का प्रयोग न करें तथा अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें।
ये उपकरण किए वितरित
-3,54,987 रुपए लागत के उपकरण वितरित 02 बैट्री ऑपरेटेड मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल 01 सी.पी. चेयर विद कमोड 12 टी.एल.एम. किट 03 ट्राईसाइकिल 02 विजुअली इम्पेयर्ड किट 07 व्हील चेयर 03 रोलैटर 01 ब्रेल किट 05 उपकरण (केएएफओ, एएफओ, बीटीई)
भामाशाहों ने भी किया सहयोग
इस अवसर पर भामाशाह रेखा जैन एवं शिक्षा सहकारी समिति के संचालक दिनेश मीणा द्वारा बच्चों को 52 जोड़ी जूते एवं स्काउट-गाइड विद्यार्थियों को 16 पोशाक वितरित की गई। विद्यार्थियों को धूप और बारिश से बचाव के लिए छतरियां भी प्रदान की गईं। कार्यक्रम में स्काउट एंड गाइड के विद्यार्थियों द्वारा पिरामिड निर्माण एवं विभिन्न साहसिक गतिविधियां प्रस्तुत की गईं, जिसकी शिक्षा मंत्री ने सराहना की और बच्चों का उत्साहवर्धन किया।