scriptHigh Court: एमपी और एमएलए के चुनाव हो सकते हैं तो छात्रसंघ के क्यों नहीं? | High Court said If elections can be held for MPs and MLAs then why not for student unions | Patrika News
जयपुर

High Court: एमपी और एमएलए के चुनाव हो सकते हैं तो छात्रसंघ के क्यों नहीं?

राजस्थान के अंदर छात्रसंघ चुनाव को लेकर चल रहे विवाद में हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि जब MP-MLA का चुनाव हो सकता है तो छात्रसंघ चुनाव में क्या परेशानी है?

जयपुरAug 15, 2025 / 06:48 am

Kamal Mishra

Court Judgement

महिला को मिली दो साल की सजा (प्रतीकात्मक तस्वीर-फाइल)

जयपुर। हाईकोर्ट ने छात्रसंघ चुनाव को छात्रों का मौलिक अधिकार नहीं मानने के राज्य सरकार के जवाब पर टिप्पणी की। कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि अगर मौलिक अधिकार नहीं है तो छात्र संगठन एनएसयूआइ-एबीवीपी को बैन क्यों नहीं कर देते? जब सांसद-विधायक के चुनाव कराए जाते हैं तो छात्रसंघ चुनाव में क्या परेशानी है।
कोर्ट ने कहा- कानून-व्यवस्था बनाए रखना सरकार का काम है। अगर इस आधार पर चुनाव रोके जाते हैं तो लिंगदोह कमेटी की सिफारिश का औचित्य क्या है। मामले में अब 22 अगस्त को सुनवाई होगी। न्यायाधीश समीर जैन ने जय राव व अन्य की याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई की।

छात्रसंघ चुनाव मौलिक अधिकार नहीं

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश जवाब को रिकॉर्ड पर ले लिया गया। इसमें कहा कि प्रदेश के नौ विश्वविद्यालय के कुलगुरुओं ने छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने की सिफारिश की है। छात्रसंघ चुनाव मौलिक अधिकार भी नहीं है। इस कारण मौजूदा सत्र में छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने का निर्णय लिया है।

छात्रों को प्रतिनिधि चुनने का अधिकार

उधर, याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शांतनु पारीक ने कहा कि विवि के हर छात्र को अपना प्रतिनिधि चुनने का अधिकार है। लिंगदोह कमेटी की सिफारिश के तहत भी हर साल सत्र आरंभ होने के छह से आठ सप्ताह में छात्रसंघ चुनाव कराए जाने चाहिए, लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक चुनाव को लेकर कोई अधिसूचना जारी नहीं की है। इस साल अभी तक चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं की गई है। इस कारण राज्य सरकार को छात्रसंघ चुनाव कराने के निर्देश दिए जाएं।

Hindi News / Jaipur / High Court: एमपी और एमएलए के चुनाव हो सकते हैं तो छात्रसंघ के क्यों नहीं?

ट्रेंडिंग वीडियो