डेढ़ माह में 80 ने गंवाई जान
प्रदेश में इस वर्ष डेढ़ माह में 15 जून से 30 जुलाई तक वर्षा जनित हादसों में 80 लोग जान गंवा चुके हैं। वहीं 47 जने घायल हुए हैं। कच्चे-पके 32 मकानों को क्षति होने के साथ ही 40 पशुओं की भी जान गई है। आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक आकाशीय बिजली गिरने से 17, बहने व डूबने से 40 और दीवार व मकान गिरने से 23 लोगों की मृत्यु हुई है। सबसे ज्यादा मौतें 12 झालावाड़ जिले में हुई हैं।जयपुर-कोटा रेल मार्ग प्रभावित
कोटा, दिल्ली, अजमेर और जोधपुर से जयपुर आने-जाने वाली करीब डेढ़ दर्जन ट्रेनें लेट रहीं। कई ट्रेनें 2 से पौने 7 घंटे तक की देरी से चलीं। कोटा रूट की स्थिति सबसे खराब रही, जहां कई जगह रेलवे ट्रैक पर पानी भर गया। इधर, लिंक रैक की कमी के कारण जयपुर से भी जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट, अजमेर से अजमेर-जबलपुर ट्रेन डेढ़-डेढ़ घंटे की देरी से रवाना हुई।पार्वती नदी में उफान
बारां व मध्यप्रदेश में हो रही भारी बरसात के चलते कोटा जिले के खातौली में पार्वती नदी में उफान के कारण बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। उधर बारां हो रही लगातार बारिश के कारण कई मकान व भवन गिर गए।झालावाड़- असनावर इलाके में बारिश होने से कालीसिंध नदी में पानी की आवक हुई ओर बांध के दो गेट खोले गए।
सवाईमाधोपुर- खंडार क्षेत्र में चंबल नदी में पानी की तेज आवक से बोदल पुलिया टूट गई। इससे जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया।