राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एडवोकेट संदीप कलवानिया ने राज्य सरकार और राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) से आग्रह किया है कि आगामी भर्तियों में रिक्त पदों की वास्तविक संख्या को ध्यान में रखते हुए अधिकतम पदों पर नियुक्तियां की जाएं।
कलवानिया ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में वरिष्ठ अध्यापक के 1,09,542 स्वीकृत पदों में से 37,249 पद खाली हैं। इसके बावजूद आयोग द्वारा केवल 2,129 पदों पर ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है। इसी तरह, स्कूल व्याख्याता के 57,194 पदों में से 18,651 पद खाली हैं, लेकिन सिर्फ 2,202 पदों पर ही भर्ती हो रही है।
उन्होंने कहा कि जब विभाग में इतने बड़े स्तर पर पद खाली हैं, तो सीमित पदों पर भर्ती करना न्यायसंगत नहीं है। इससे योग्य और शिक्षित बेरोजगारों के अवसर सीमित हो जाते हैं। यदि सरकार वास्तव में युवाओं को रोजगार देना चाहती है, तो उसे इन दोनों भर्तियों में रिक्त पदों की संख्या के अनुरूप सीटें बढ़ानी चाहिए।
शिक्षाविदों और बेरोजगार संगठनों ने भी इस मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया है। उनका कहना है कि पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति से एक ओर जहां बेरोजगारी कम होगी, वहीं दूसरी ओर प्रदेश की सरकारी स्कूलों में शिक्षण गुणवत्ता में सुधार आएगा।
अब देखना यह है कि राज्य सरकार इस मांग पर कितना सकारात्मक रुख अपनाती है और आगामी भर्ती प्रक्रिया में कितने पदों को शामिल करती है।