उन्होंने बताया कि जनगणना के पहले चरण में अगले साल अप्रेल से सितम्बर के बीच 30 दिन तक मकान सूचीकरण का कार्य किया जाएगा और फरवरी 2027 में परिवारों से सम्बन्धित व्यक्तिगत जानकारी एकत्र की जाएगी। उन्होंने बताया कि भारत में 1865 से 1872 के बीच पहली बार जनगणना हुई, लेकिन वह व्यवस्थित नहीं थी।
राजस्थान में पहली बार डिजिटल जनगणना
पहली व्यवस्थित जनगणना 1872 में हुई और 2027 में आजाद भारत की सातवीं जनगणना होगी। उन्होंने कहा कि इस बार प्रगणक डिजिटल माध्यम से जनगणना की जानकारी दर्ज करेंगे, वहीं लोगों को भी स्वयं जनगणना की जानकारी भरने का विकल्प दिया जा रहा है।
गलत जानकारी पर जुर्माना या सजा
गलत जानकारी देने वाले को जुर्माना या सजा से दंडित किया जा सकता है। कानून के अनुसार कोई व्यक्ति जनगणना से सम्बन्धित जानकारी देने से मना नहीं कर सकता। इस बार एनपीआर के लिए जानकारी नहीं जुटाई जाएगी। जल्द ही जनगणना के पहले चरण मकान सूचीकरण के लिए प्रश्नावली तैयार कर ली जाएगी।