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जयपुर में कृत्रिम बारिश: ट्रायल के दौरान 200 फीट से गिरा ड्रोन… फिर प्रयोग असफल, जानें कितने दिन चलेगी प्रक्रिया?

जयपुर के रामगढ़ बांध इलाके में फिर जीपीएस सिग्नल की समस्या के चलते करीब 200 फीट ऊंचाई से ड्रोन गिर गया।

जयपुरAug 17, 2025 / 08:24 pm

Lokendra Sainger

Jaipur Artificial rain

Photo- Patrika Network

Jaipur Artificial Rain Through Drone: जयपुर के रामगढ़ बांध इलाके में राज्य सरकार और प्राइवेट कंपनी मिलकर ड्रोन से कृत्रिम बारिश की मशक्कत में लगी हुई है। पहले दिन अत्यधिक भीड़ पहुंचने से GPS ठीक से काम नहीं किया। हालांकि तीसरे प्रयास में ड्रोन को 400 फीट की उंचाई तक उड़ाया गया। रविवार को भी ट्रायल के दौरान पहली बार में ही ड्रोन गिर गया।

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आज फिर 200 फीट से गिरा ड्रोन

गौरतलब है कि वैज्ञानिकों की ओर से उड़ाया ड्रोन जीपीएस सिग्नल में समस्या के चलते गोपालगढ़ गांव के खेत में जाकर गिर गया। जीपीएस सिग्नल की समस्या के चलते करीब 200 फीट ऊंचाई से ड्रोन गिर गया। रामगढ़ बांध के गुम्बद से तीन किलोमीटर दूर जाकर ड्रोन गिरा। रामगढ़ बांध पर कृत्रिम बारिश कराने के लिए निजी कंपनी की ओर से ड्रोन उड़ाकर परीक्षण किया जा रहा है।

तीसरी बार ड्रोन उड़ाकर किया परीक्षण

इससे पहले शनिवार को तीसरी बार ड्रोन उड़ाया गया। बांध पर सुबह 11 बजे से दोपहर दो बजे तक ड्रोन उड़ाया गया। ड्रोन ने 35 मिनट तक उड़ान भरी। इस दौरान करीब 25 किमी तक की दूरी तय की। ड्रोन के जरिये रामगढ़ बांध के मौसम, आर्द्रता, नमी, बादलों की मौजूदगी के साथ जलवायु का परीक्षण किया गया। इस दौरान जमवारामगढ़ विधायक महेंद्रपाल मीना भी मौजूद रहे।

पहले दिन में तीसरी बार में उड़ा ड्रोन

बता दें कि 12 अगस्त को पहले दिन ड्रोन से कृत्रिम बारिश के प्रयोग से पहले रामगढ़ बांध में वैज्ञानिकों ने विधिवत पूजा-अर्चना और हवन कार्यक्रम करके सफल होने की कामना की। इस दौरान मौके पर भारी भीड़ जुटने के कारण मोबाइल नेटवर्क पर लोड बढ़ गया। जिसकी वजह से GPS सिग्नल ने ठीक से काम नहीं किया। ड्रोन उड़ाने के दो बार प्रयास किए गए, दोनों बार असफलता हाथ लगी। हालांकि तीसरे प्रयास में ड्रोन को 400 फीट की उंचाई तक उड़ाया गया।

60 क्लाउड सीडिंग की होगी टेस्ट ड्राइव

यह प्रक्रिया 2 महीने तक चलेगी। यह कंपनी के द्वारा शुरुआती दौर में निशुल्क करवाई जा रही है। इसमें करीब दो करोड़ का खर्चा आएगा। इसके शुरुआती दौर में सफल होने पर इससे बड़ा ड्रोन उड़ाया जाएगा। अमेरिका और बेंगलुरु की एक कंपनी सरकार के साथ मिलकर पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह ट्रायल कर रही है। रामगढ़ में 60 क्लाउड सीडिंग की टेस्ट ड्राइव करवाई जाएगी।

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