वेस्ट वाटर मैनेजमेंट पर ऐसे होगा काम
वेस्ट वाटर का पुन: उपयोग करने की कवायद भी की जाएगी। अभी इस तरह का उपयोग बेहद सीमित है। आने वाले समय में दायरे को बढ़ाया जाएगा। प्लान पर गौर करें तो राज्य के 75 शहरों में सीवरेज नेटवर्क बढ़ाकर लोगों को सीवर कनेक्शन किए जाएंगे। इनमें जयपुर, अजमेर, जोधपुरा, कोटा से लेकर अलवर, भरतपुर, बांसवाड़ा, बारां, ब्यावर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, बीकानेर, बूंदी, चित्तौडगढ़़, चूरू, धौलपुर, गंगापुर सिटी तक को शामिल किया गया है। शेष 221 शहरों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। इन एसटीपी के ट्रीटेड वाटर का दुबारा उपयोग होगा।यहां होगा सर्वाधिक पैसा खर्च
वेस्ट वाटर मैनेजमेंट: 6662.26 करोड़ रुपएपेयजल आपूर्ति: 5246.17 करोड़ रुपए
शहरों में परिवहन सुधार: 2021.75 करोड़ रुपए
कॉमन इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट: 870 करोड़ रुपए
कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, हैरिटेज व पर्यटन कार्य: 701.05 करोड़ रुपए
ठोस कचरा प्रबंधन: 650.19 करोड़ रुपए
बाढ़ प्रबंधन के कार्य: 500.22 करोड़ रुपए