राजस्थान में ‘बकरीद’ पर बकरों के निर्यात पर क्यों हुआ विवाद? जूली ने मंत्री के बयान पर किया ये पलटवार
Bakrid Eid ul Adha 2025: बकरीद (ईद उल अजहा) से पहले राजस्थान में एक नया विवाद सामने आया है। पहली बार प्रदेश से 9350 बकरे एयर कार्गो के जरिए खाड़ी देशों को निर्यात किए गए हैं।
Bakrid Eid ul Adha 2025: बकरीद (ईद उल अजहा) से पहले राजस्थान में एक नया विवाद सामने आया है। पहली बार प्रदेश से 9350 बकरे एयर कार्गो के जरिए खाड़ी देशों को निर्यात किए गए हैं। शेखावाटी, सिरोही और बीकानेर नस्ल के इन बकरों को कुर्बानी के लिए भेजा गया है, जिसे लेकर अब सियासी घमासान शुरू हो गया है।
पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत के बयान पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने तीखा पलटवार किया है। जूली ने बीजेपी पर भाईचारा बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार पहले बीफ निर्यात पर रोक लगाए, फिर बकरों पर प्रतिबंध की बात करे।
बीफ निर्यात पर चुप्पी क्यों?
टीकाराम जूली ने पशुपालन मंत्री के बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी को बकरीद के समय ही बकरे दिखाई देते हैं, गायों की चिंता इन्हें नहीं है। भारत आज बीफ निर्यात में दुनिया में पहले स्थान पर है, लेकिन इस पर बीजेपी चुप है। जूली ने तंज कसते हुए कहा कि मंत्री जोराराम कुमावत को आंकड़ों की जानकारी नहीं है। मंत्री भले आदमी हैं, लेकिन इन्हें सही आंकड़े नहीं बताए गए। अगर आंकड़े देखते, तो ऐसा बयान नहीं देते।
उन्होंने बीजेपी पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया और कहा कि गाय और बकरे के नाम पर ये लोग हमेशा भाईचारा बिगाड़ने की कोशिश करते हैं। पहले बीफ निर्यात बंद करें, फिर बकरों पर रोक की बात करें।
जीव हत्या संस्कृति के खिलाफ- मंत्री
पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने बकरों के निर्यात पर कड़ा ऐतराज जताया था। उन्होंने कहा कि बकरे भी जीव हैं और उनकी हत्या हमारी सनातन संस्कृति के खिलाफ है। यह वसुधैव कुटुंबकम् की भावना का उल्लंघन है। उन्होंने कुर्बानी को सनातन परंपराओं के विरुद्ध बताया और कहा कि केंद्र सरकार से इस मामले में दिशा-निर्देश मांगे गए हैं।
हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि कुर्बानी पर तत्काल रोक की कोई योजना नहीं है। कुमावत ने बकरे के निर्यात पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर नियमों के खिलाफ निर्यात हुआ है, तो जांच होगी और कार्रवाई की जाएगी।
यहां देखें वीडियो-
पहली बार हवाई मार्ग से निर्यात
इस बार राजस्थान से पहली बार इतनी बड़ी संख्या में बकरे हवाई मार्ग से खाड़ी देशों को भेजे गए हैं। इन बकरों को कुर्बानी के लिए निर्यात किया गया है। इस खबर के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई है और धार्मिक संगठनों ने भी तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं। जहां बीजेपी सरकार सांस्कृतिक मूल्यों की बात कर रही है, वहीं विपक्ष इसे धार्मिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश बता रहा है।