हालांकि, लिपिक भर्ती से लेकर सभी भर्तियों में लिखित परीक्षा ली जाती है, पर कोचों की भर्ती में यह नियम पहली बार जोड़ा गया है। भर्ती निकलने का जो उत्साह खिलाड़ियों में था, वह अब निराशा में बदल गया। क्योंकि खिलाड़ी खेल में अधिक समय देने के कारण जैसे-तैसे अपनी पढ़ाई पूरी कर पाता है।
ऐसे में लिखित परीक्षा का जो सिलेबस है, उसे देखकर लगता है कि स्पोर्ट्स काउंसिल को कोच नहीं बाबुओं की जरूरत है। वहीं, मेडल विनर खेलों में कोचों की भर्ती बहुत कम हो रही है और जो खेल मेडल की दौड़ में दूर-दूर तक नजर नहीं आते, उनके कोचों की संख्या सर्वाधिक है, यह बात भी समझ से परे है।
एथलेटिक्स में 18 तो बास्केटबॉल में 15, जूडो की अनदेखी
प्रशिक्षकों की भर्ती में खेलों के अनुसार, आवंटन भी समझ से परे है, जिस खेल के अधिक मेडल हैं उसके लिए मात्र दो कोचों की नियुक्ति होगी। वहीं, जिन खेलों से राज्य को नाम मात्र के पदक भी नहीं मिले, उनके लिए अधिकतम कोच नियुक्त होंगे।
सर्वाधिक पद 18 एथलेटिक्स, बास्केटबॉल के 15, शूटिंग के 10, फुटबॉल के 9, हैंडबॉल-हॉकी के 7-7, वॉलीबॉल-कबड्डी और तीरंदाजी के 6-6, तैराकी, बैडमिंटन और खो-खो के 5-5, घुड़सवारी के 5, कुश्ती व टेटे के 4-4, जिम्नास्टिक एवं बॉक्सिंग के 3-3, क्याकिंग एंड कैनोइंग के 3, भारोत्तोलन, साइकिलिंग, क्रिकेट, टेनिस, वूशू, योगा और मलखम्भ के मात्र 2-2 कोच नियुक्त होंगे। सर्वाधिक पदक वाले खेलों पर नहीं ध्यान दिया गया।
100-100 अंक के दो पेपर देने होंगे : सिसोदिया
राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद के सचिव राजेंद्र सिंह सिसोदिया के अनुसार, प्रशिक्षकों का चयन लिखित परीक्षा के आधार पर किया जाएगा। पहला पेपर 100 अंकों का जनरल नॉलेज का होगा, जिसमें जियोग्राफी, इतिहास, कल्चरल, करंट अफेयर्स आदि से जुड़े क्वेश्चन आएंगे। दूसरा पेपर स्पोर्ट्स एजूकेशन का पेपर होगा। दोनों पेपर 100-100 अंकों के होंगे। इसके बाद प्रशिक्षकों का स्किल और फिटनेस टेस्ट लिया जाएगा।
यह फिटनेस टेस्ट भी 100 नम्बर का होगा, जबकि प्रशिक्षकों की उपलब्धियों के आधार पर ही 50 नम्बर तय किए गए हैं। इन सबके बाद ही वे पद पर चयन के पात्र होंगे। क्रीड़ा परिषद के इतिहास में पहली बार घुड़सवारी, क्याकिंग एंड कैनोइंग, योगा और मलखम्भ के खेलों के प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।
2012 भर्ती में हुआ था सिर्फ स्किल टेस्ट
एक पूर्व खेल अधिकारी के अनुसार, 2012 में जब कोचों की भर्ती हुई थी। तब सिर्फ स्किल टेस्ट और फिटनेस टेस्ट लिया गया था। हां खेल प्रबंधकों की भर्ती में जरूर लिखित टेस्ट लिया गया था। कोच भर्ती में लिए जाने स्किल टेस्ट में इंडोरेंस, फ्लेक्जिबिलिटी, एंजीलिटी, मोबिलिटी, स्ट्रेंथ चैंकिंग शामिल हैं। परंतु इस बार लिखित परीक्षा भी ली जाएगी, यह काउंसिल के इतिहास में पहली बार हो रही है।
भर्ती को लेकर स्वर्ण विजेता नेशनल प्लेयर ने कहा कि कोचों की भर्ती में मुख्य रूप से खिलाड़ी की खेल योग्यता देखी जाती है। अगर कोई इंटरनेशनल प्लेयर लिखित परीक्षा में फेल हो जाता है तो उसकी सारी मेहनत खराब हो जाएगी। वहीं, साधारण स्तर का खिलाड़ी अगर पास हो जाता है तो वह कोच बन जाएगा। सुबह-शाम कोचिंग के बाद समय ही नहीं मिल पाता लिखित परीक्षा की तैयारी करें।