डॉ. मीणा ने बैठक के दौरान उद्यान विभाग की वर्ष 2024-25 की बजट घोषणाओं की गहन समीक्षा करते हुए सूक्ष्म सिंचाई, ड्रिप एवं फव्वारा संयंत्र, प्याज भंडारण गृह, मधुमक्खी पालन, पॉली हाउस, शेडनेट हाउस, सोलर पंप, एक्सीलेंस सेंटर, राजहंस नर्सरी, फल बागानों की स्थापना और पीएम-कुसुम योजना जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की प्रगति पर विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने योजनाओं की रफ्तार बढ़ाकर अधिक से अधिक किसानों तक लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए।
वर्ष 2025-26 के बजट घोषणाओं की समीक्षा करते हुए मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि प्रत्येक योजना को पात्र किसानों तक समय पर पहुंचाया जाए और आने वाली समस्याओं का तत्काल समाधान कर योजनाओं को धरातल पर प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। उन्होंने कृषक गोष्ठियों, रात्रि चौपालों, सोशल मीडिया, समाचार पत्रों और टीवी चैनलों के माध्यम से योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए।
डॉ. मीणा ने विशेष रूप से पानी की कमी को देखते हुए प्रदेश भर में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली को बढ़ावा देने और संयंत्रों की गुणवत्ता जांच करवाने के निर्देश दिए। साथ ही, बीमित पॉली हाउस के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में किसानों को मिलने वाले लाभ की नवीनतम स्थिति रिपोर्ट 7 दिनों के भीतर मुख्यालय भेजने को कहा।
सोलर पंपों में उच्च गुणवत्ता वाली सोलर प्लेट्स लगाने के निर्देश देते हुए उन्होंने किसानों को दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित करने पर बल दिया। इसके अलावा, राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के दौरान हुए कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के एमओयू की प्रगति की भी समीक्षा की गई और उनके त्वरित क्रियान्वयन पर जोर दिया गया।
मंत्री ने अंत में दोहराया कि योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से ही किसानों की आमदनी बढ़ेगी और प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।