सेना ने इन हेलीकॉप्टरों के लिए अलग से बेड़ा पहले ही तैयार कर लिया था। जोधपुर में 15 माह पहले इसकी शुरुआत हो चुकी है। अपाचे एएच-64ई को दुनिया के सबसे ताकतवर हेलीकॉप्टर में गिना जाता है। इनकी खेप ऐसे समय मिल रही है, जब ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। भारतीय सेना को अमरीका से छह अपाचे हेलीकॉप्टर मिलने हैं। सूत्रों के मुताबिक पहले तीन हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी के बाद बाकी तीन इसी साल के अंत तक आ जाएंगे। अपाचे की पहली खेप जून, 2024 में आने वाली थी, लेकिन कुछ दिक्कतों के कारण यह शेड्यूल टल गया।
एएच-64ई। फोटो: एएनआई
AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टर की खासियत
इसमें 2 स्टैंडर्ड क्रू हैं। इसकी लंबाई 48.16 फुट और ऊंचाई 15.49 फुट है। अपाचे हेलीकॉप्टर का रोटर डायमीटर 48 फुट है। इसका प्राइमरी मिशन ग्रोस वेट 6838 किलो है। इसका मैक्सिमम ऑपरेटिंग वजन 10,432 किलोग्राम है।
रात के अंधेरे में भी दुश्मन की शामत
अपाचे एएच-64ई को ‘हवाई टैंक’ भी कहा जाता है। यह हेलीकॉप्टर 30 एमएम की चेन गन, एजीएम-114 हेलफायर मिसाइल, रॉकेट्स व अन्य हथियारों से लैस है। स्टील्थ डिजाइन के कारण यह दुश्मन के रडार की पकड़ में नहीं आता। इसके इन्फ्रारेड नाइट विजन सिस्टम व सेंसर रात को भी दुश्मन को देख सकते हैं।
365 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम
यह हेलीकॉप्टर करीब 365 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। इसकी रेंज करीब 480 किलोमीटर है। इसमें हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले, डिजिटल कम्युनिकेशन और बैटल मैनेजमेंट सिस्टम लगा है, जो इसे नेटवर्क-सेंट्रिक वॉरफेयर में बेहद सक्षम बनाता है।