कमजोर इयूनिटी वाले बच्चे अधिक प्रभावित
शिशु रोग विशेषज्ञों के अनुसार छोटे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह विकसित नहीं होती, इसलिए वे इस वायरस से जल्दी संक्रमित हो जाते हैं। कई मामलों में एक ही परिवार के दो बच्चों में भी यह संक्रमण देखा गया है। विशेषज्ञों ने परिजन को सतर्क रहने की सलाह दी है, क्योंकि यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से तेजी से फैलती है।
संक्रमित बच्चों से फैलता है रोग
क्या है हैंड, फुट, माउथ डिजीज (एचएफएमडी): यह संक्रामक बीमारी कॉक्ससैकी वायरस ए-16 और एंटरोवायरस 71 के कारण होती है। यह वायरस खांसने, छींकने, लार और नाक के स्राव के माध्यम से या संक्रमित सतहों और खिलौनों के संपर्क में आने से फैल सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि भले ही यह बीमारी तेजी से फैलती है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। समय पर पहचान, उचित देखभाल और साफ-सफाई से बच्चे जल्द ठीक हो सकते हैं।
अधिकतर मामले खुद हो रहे ठीक
यह संक्रमण आमतौर पर हर साल मानसून के मौसम में सामने आता है। इसका कोई विशिष्ट इलाज नहीं है, लेकिन अधिकतर बच्चे 7 से 10 दिन में खुद ठीक हो जाते हैं। जरूरी है कि बुखार, गले के दर्द या छालों की स्थिति में डॉक्टर से तुरंत परामर्श लिया जाए और बच्चे को पर्याप्त आराम दिया जाए। घबराने की जरूरत नहीं है। –डॉ. कृष्ण कुमार यादव, वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ, उप अधीक्षक, जेके लोन अस्पताल