scriptMilk Production: राजस्थान में बनेगा दुग्ध क्रांति का नया अध्याय, गिर गाय से बदलेगी तस्वीर,जानिए क्या है योजना ? | A new chapter of milk revolution will be made in Rajasthan, the picture is going to change with Gir cow, know what is the whole plan? | Patrika News
जयपुर

Milk Production: राजस्थान में बनेगा दुग्ध क्रांति का नया अध्याय, गिर गाय से बदलेगी तस्वीर,जानिए क्या है योजना ?

Brazilian Gir Bulls: गिर नस्ल के जरिए राजस्थान में एक नई दुग्ध क्रांति का सूत्रपात हो चुका है, जो न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएगा, बल्कि पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी बड़ा कदम साबित होगा।

जयपुरMay 15, 2025 / 09:30 pm

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Rajasthan Milk Revolution: जयपुर। राजस्थान अब केवल रेगिस्तान, किले और संस्कृति के लिए नहीं, बल्कि देश की दुग्ध राजधानी बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। प्रदेश में गिर नस्ल की गायों के माध्यम से दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की नई पहल अब केवल दूध तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था, पशुपालकों की आय और डेयरी उद्योग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की योजना का हिस्सा है।
पशुपालन विभाग द्वारा ब्राजील से आयातित उच्च आनुवांशिक गुणवत्ता वाले गिर नस्ल के सांडों के हिमकृत वीर्य डोजेज के जरिए नस्ल सुधार कार्यक्रम का पहला चरण शुरू किया गया है। इससे न केवल दूध की मात्रा में बड़ा इजाफा होगा, बल्कि गुणवत्ता भी ए-2 स्तर तक पहुंच जाएगी, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
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आर्थिक रूप से मजबूत होंगे पशुपालक

राज्य सरकार की इस पहल का सबसे बड़ा लाभ सीधे पशुपालकों को मिलेगा। वर्तमान में जहां गिर गायें औसतन 15 से 20 लीटर दूध देती हैं, वहीं इस नई नस्ल के सुधार के बाद यह उत्पादन 50 लीटर प्रतिदिन तक पहुंचने की उम्मीद है। इससे पशुपालकों की आमदनी में तीन गुना तक वृद्धि संभव है।

मात्र 100 रुपए में उपलब्ध है उच्च गुणवत्ता वाला सीमन

सरकार इस उच्च गुणवत्ता वाले वीर्य डोज को केवल 100 रुपए में उपलब्ध करा रही है, जिससे यह योजना बड़े पैमाने पर पशुपालकों की पहुंच में आ सके। पहले चरण में अजमेर, भरतपुर, जयपुर, पाली, कोटा और उदयपुर संभाग के 23 जिलों को कुल 2680 डोज दिए गए हैं।

स्वदेशी नस्लों के पुनरुत्थान की ओर कदम

यह योजना केवल दुग्ध उत्पादन ही नहीं बल्कि स्वदेशी नस्लों के संरक्षण और संवर्धन का भी माध्यम बन रही है। गिर गाय का दूध ए-2 कैटेगरी में आता है, जो पचाने में आसान और स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है। इससे घी, मक्खन, छाछ जैसे पारंपरिक उत्पादों की गुणवत्ता भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की होगी।

अगले चरण में 10 हजार डोज की डिमांड

प्रदेश सरकार ने इस योजना को विस्तार देने के लिए भारत सरकार को 10,000 और डोज की मांग भेज दी है। इससे राजस्थान आने वाले वर्षों में न केवल उत्तरप्रदेश को पीछे छोड़ सकता है, बल्कि दुग्ध उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य भी बन सकता है।

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