अग्रवाल ने बताया कि इन कार्यशालाओं में मनोवैज्ञानिक, योग प्रशिक्षक, आहार विशेषज्ञ, परामर्शदाता, स्वयंसेवी संस्थाएं, पुलिस एवं जिला प्रशासन के अधिकारी, तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से जुड़े प्रतिनिधि सक्रिय रूप से भाग लेंगे। कार्यशालाओं के दौरान वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी जाएगी।
प्रत्येक कार्यशाला में 75 से 300 प्रतिभागियों की भागीदारी निर्धारित की गई है, जिसमें 75 प्रतिशत वरिष्ठ नागरिक, 15 प्रतिशत युवा तथा 10 प्रतिशत अन्य वर्गों के लोग शामिल होंगे। साथ ही, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक भी इस आयोजन में उपस्थिति दर्ज कराएंगे।
कार्यक्रम के अंतर्गत जिला विशेषयोग्यजन पुनर्वास केंद्र एवं प्रधानमंत्री दिव्यांग केंद्र की सहायता से आवश्यकता अनुसार उपकरणों के वितरण के लिए शिविर का आयोजन भी किया जाएगा। इसके अतिरिक्त वरिष्ठ नागरिकों को आवश्यक सेवाएं व जानकारी देने के लिए ई-मित्र सेवा प्रदाता भी मौके पर उपस्थित रहेंगे।
निदेशक अग्रवाल ने सभी जिलों को निर्देशित किया है कि कार्यशालाओं में हर ब्लॉक से वरिष्ठ नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए और स्थानीय प्रशासन व संबंधित विभागों की सक्रिय सहभागिता के साथ इन कार्यशालाओं को सफल बनाया जाए।
यह पहल न केवल वरिष्ठ नागरिकों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाती है, बल्कि उनके जीवन में आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान की भावना को भी सशक्त बनाएगी।