विभिन्न हिंदूवादी संगठनों ने आरोप लगाया कि एक ई-रिक्शा चालक ने जानबूझकर मंदिर के बाहर गौमांस फेंका। मामला बढ़ता देख पुलिस ने डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद प्रदर्शनकारियों को समझाकर शांत किया। कोतवाली थाना पुलिस ने शिकायत दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
एक थैली में मांस के अवशेष मिले
पुलिस के अनुसार, किशनपोल बाजार स्थित मंदिर के पास सड़क पर एक थैली में मांस के अवशेष मिले। स्थानीय लोगों ने इसे गौमांस समझकर हंगामा शुरू कर दिया। देखते ही देखते हिंदूवादी संगठनों के सदस्य मौके पर एकत्र हो गए और कोतवाली थाने का घेराव कर नारेबाजी शुरू कर दी। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि गौकशी के इस मामले में तुरंत कार्रवाई की जाए और दोषी को कड़ी सजा दी जाए।
मांस के अवशेषों की होगी जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अनूप सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने संगठनों के पदाधिकारियों से बातचीत कर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। इस दौरान कोतवाली थाने के साथ-साथ अन्य थानों का पुलिस बल और जाब्ता भी मौके पर तैनात रहा। एसीपी अनूप सिंह ने बताया कि मंदिर के पास मिले अवशेषों की जांच की जा रही है। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि अवशेष गौमांस के हैं या किसी अन्य जानवर के।
लोगों ने गौकशी का आरोप लगाया
बता दें, पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि एक ई-रिक्शा के पीछे मांस से भरी थैली लटक रही थी, जो मंदिर के पास अचानक सड़क पर गिर गई। स्थानीय लोगों ने इसे देखकर गौकशी का आरोप लगाया। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू किए हैं, ताकि ई-रिक्शा और उसके चालक की पहचान की जा सके। फुटेज में दिख रहा है कि थैली ई-रिक्शा के पीछे लटक रही थी, लेकिन यह जानबूझकर फेंकी गई या अनजाने में गिरी, इसकी जांच जारी है। इधर, हिंदूवादी संगठनों ने सवाल उठाया कि ई-रिक्शा चालक के पास मांस की थैली कहां से आई और वह इसे क्यों लेकर जा रहा था। उनका कहना है कि अगर यह गलती से भी हुआ, तो यह गंभीर लापरवाही का मामला है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वह हर पहलू से जांच कर रही है।