डिस्कॉम ने फिर स्पष्ट किया है कि अफसरों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार किया गया। निर्देश जारी कर संबंधित अधिकारियों को इसकी सख्ती से पालना कराने को कहा गया है। यह मामला पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार का है।
डिस्कॉम के अफसरों और अनुबंधित कंपनी की मिलीभगत के कारण जीएसएस निर्माण के नाम पर चपत लगाई गई। चहेती फर्म को ही काम मिले, इसके लिए न केवल निविदा में विशेष शर्त जोड़ी गई, बल्कि फर्म को 246 प्रतिशत अधिक रेट पर काम सौप दिया।
हाईकोर्ट में नहीं मिली राहत
डिस्कॉम का दावा है कि हाइकोर्ट ने कंपनी की स्थगन याचिका को खारिज कर कहा कि इस प्रकरण में राजकोष को नुकसान पहुंचने की आशंका है और परियोजना का वास्तविक लाभार्थी कंपनी ही है।
राजस्थान पत्रिका ने खोली परतें
राजस्थान पत्रिका ने न केवल इस घोटाले का न केवल खुलासा किया, बल्कि समाचार श्रृंखला के जरिए गड़बड़ियों की परतें खोली।