PTI Exam 2022: करीब पांच हजार से अधिक पदों पर निकली पीटीआई भर्ती 2022 पूरी हो चुकी है। चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिल चुकी है। लगातार विवादों में आई भर्ती में अब करीब दो हजार अभ्यर्थियों की डिग्री फर्जी होने की आशंका जताई गई है। फर्जी डिग्रियों की आशंका को देखते हुए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने शिक्षा विभाग को नौकरी लगे अभ्यर्थियों की डिग्रियों की पुन: जांच करने के लिए पत्र लिखा है। इधर, विभाग अभी तक फर्जीवाड़ा करने वाले 154 अभ्यर्थियों पर कार्रवाई कर चुका है।
दरअसल, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने 1200 अभ्यर्थियों के दस्तावेजों को जांच के दायरे में रखा था। इनके दस्तावेज मिसमैच पाए गए थे। इनमें से करीब 400 ऐसे अभ्यर्थियों को चिन्हित किया जिनके दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा सामने आया।
ऐसे किया फर्जीवाड़ा
पीटीआई भर्ती में बोर्ड ने सैकड़ों अभ्यर्थियों की डिग्री फर्जी होने की आशंका जताई है। इसका कारण यह था कि अभ्यर्थियों ने आवेदन के समय बीपीएड डिग्री होने की जानकारी नहीं दी, लेकिन बाद में दस्तावेज जांच के समय यूपी, चूरू सहित अन्य जगहों की यूनिवर्सिटी से 2019 की डिग्री लेकर लगा दी। पीटीआई भर्ती में एक साथ बड़ी संख्या में आवेदन आने पर फर्जीवाड़े की आशंका जताई गई थी।
संशोधित परिणाम जारी हो
पीटीआई भर्ती में बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने फर्जी डिग्री लगाई। इनकी संख्या करीब दो हजार पहुंच चुकी है। इनके साक्ष्य भी योग्य अभ्यर्थियों की ओर से दिए गए हैं। चयन बोर्ड, शिक्षा विभाग सभी अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच कर संशोधित परिणाम जारी करें ताकि जो योग्य अभ्यर्थी पिछड़ गए उन्हें मौका मिले।
अब उठी संशोधित परिणाम की मांग
अभ्यर्थियों का कहना है कि भर्ती में करीब दो हजार अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्होंने फर्जी डिग्री लगाई है। इसके साक्ष्य भी विभाग और कर्मचारी चयन बोर्ड को दिए जा चुके हैं। इसके बाद भी भर्ती में फर्जीवाड़ा करने वालों पर कार्रवाई धीमी गति से हो रही है। अब अभ्यर्थियों की ओर से भर्ती का संशोधित परिणाम जारी करने की मांग की जा रही है। इनका तर्क है कि फर्जीवाड़ा करने वाले अभ्यर्थियों के चयन के बाद योग्य अभ्यर्थी पिछड़ गए। इसको लेकर अभ्यर्थियों की ओर से आंदोलन भी किया जा रहा है।
–ईरा बोस, प्रदेशाध्यक्ष युवा हल्ला बोल पीटीआई भर्ती में अभ्यर्थियों ने फर्जी डिग्रिंयां लगा दी। इसका खुलासा राजस्थान पत्रिका ने किया और सबूतों के साथ राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को सामने मामला उजागर किया। इस पर राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच की। बोर्ड ने संबंधित विश्वविद्यालयों से डाटा निकलवाया गया। एक साल चली जांच प्रक्रिया के बाद अभ्यर्थियों पर कार्रवाई की गई।
शिक्षा विभाग को पत्र लिखा
हमने शिक्षा विभाग को पत्र लिख दिया है कि जो अभ्यर्थी नौकरी लग चुके हैं, उनके दस्तावेजों की पुन: जांच की जाए। भर्ती में बड़ी संख्या में फर्जी डिग्रियां आने के मामले सामने आए हैं।